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Friday, 18 October, 2024
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भारत ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालना शुरू किया, पहली निकासी उड़ान मुंबई पहुंची

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नयी दिली, 26 फरवरी (भाषा) यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया शनिवार को शुरू की गई जिसके तहत एअर इंडिया की दो उड़ानें रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और एक हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं। शनिवार शाम को एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई1944, 219 भारतीयों को लेकर बुखारेस्ट से मुंबई पहुंची।

इसके अलावा दो और उड़ानें- बुखारेस्ट से एआई1942 और बुडापेस्ट से एआई1940 रविवार सुबह दिल्ली पहुंचेंगी। सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया और यूक्रेन-हंगरी सीमा पर पहुंचे भारतीय नागरिकों को भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा क्रमश: बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया गया है, ताकि उन्हें एअर इंडिया की निकासी उड़ानों से स्वदेश भेजा जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि सरकार इसके लिए यात्रियों से पैसा नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि सभी तीन उड़ानों को शनिवार को ही भारत से भेजा गया था। उड़ान संख्या एआई1944, 219 भारतीय नागरिकों को लेकर रात सात बजकर 50 मिनट पर मुंबई पहुंची। एअर इंडिया ने इस बाबत एक वीडियो भी साझा किया जिसमें स्वदेश वापस आए नागरिकों के चेहरे पर खुशी झलक रही है।

यूक्रेन का हवाई क्षेत्र 24 फरवरी की सुबह रूसी हमले के बाद से ही नागरिक विमानों के संचालन के लिए बंद है। ऐसे में वहां फंसे भारतीय नागिरकों को यूक्रेन से वापस लाने के लिए उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के रास्ते संचालित की जा रही हैं।

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बृहस्पतिवार को बताया था कि यूक्रेन में लगभग 16,000 भारतीयों के फंसे होने का अनुमान है, जिनमें अधिकतर छात्र हैं।

यूक्रेनी हवाई क्षेत्र के बंद होने से पहले एअर इंडिया ने 22 फरवरी को कीव (यूक्रेन की राजधानी) के लिए एक उड़ान संचालित की थी जिससे 240 भारतीय स्वदेश लौटे थे।

अधिकारियों के अनुसार एअर इंडिया की 24 और 26 फरवरी को भी दो और उड़ानें संचालित करने की योजना थी, लेकिन यूक्रेनी हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण ऐसा नहीं हो सका।

एअर इंडिया ने शुक्रवार रात ट्विटर पर कहा कि वह फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए विशेष सरकारी चार्टर्ड उड़ानों के रूप में शनिवार को दिल्ली और मुंबई से बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के लिए बी-787 विमान भेजेगी।

वहीं, कीव स्थित भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा था कि वह रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकासी मार्ग स्थापित करने की कोशिशों में जुटा है।

दूतावास ने कहा था, “फिलहाल इन सीमा चौकियों पर टीम तैनात की जा रही हैं-उजहोरोड के पास हंगरी सीमा पर चोप-जहोनी और चेर्नित्सिी के पास रोमानियाई सीमा पर पोरबने-सिरेट में।”

भारतीय दूतावास ने कहा था कि भारतीय नागरिकों, खासकर उन छात्रों को, जो इन सीमा चौकियों के करीब रहते हैं, को सलाह दी जाती है कि वे विदेश मंत्रालय की टीमों के समन्वय से संगठित तरीके से प्रस्थान करें।

दूतावास ने कहा था कि एक बार जब उपरोक्त मार्ग चालू हो जाते हैं तो खुद यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को सीमा चौकियों पर आगे बढ़ने की सलाह दी जाएगी।

दूतावास ने भारतीय यात्रियों को अपने पासपोर्ट, नकद (अमेरिकी डॉलर हों तो बेहतर), अन्य जरूरी वस्तुएं और कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा चौकियों पर साथ ले जाने की सलाह दी है।

उसने कहा, “भारतीय ध्वज का प्रिंटआउट लें और यात्रा के दौरान वाहनों और बसों पर प्रमुखता से चिपकाएं।”

कीव और रोमानियाई सीमा चौकी के बीच की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है और इसे सड़क मार्ग से तय करने में साढ़े आठ घंटे से लेकर 11 घंटे तक का समय लग जाता है।

वहीं, बुखारेस्ट रोमानियाई सीमा चौकी से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और सड़क मार्ग से यह फासला तय करने में सात से नौ घंटे तक का समय लग जाता है।

इसी तरह, कीव और हंगरी की सीमा चौकी के बीच की दूरी लगभग 820 किलोमीटर है और यह सड़क मार्ग से 12 से 13 घंटे में तय होती है।

भाषा यश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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