नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) बेल्जियम स्थित अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (आईआईएएस) के 100 साल के इतिहास में पहली बार भारत इसकी अध्यक्षता करेगा। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि भारत ने आईआईएएस की अध्यक्षता हासिल करने में जीत दर्ज की है।
आईआईएएस एक वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है जो 31 सदस्य देशों, 20 राष्ट्रीय अनुभागों और 15 शैक्षिक अनुसंधान केंद्रों का एक संघ है, जो लोक प्रशासन पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संयुक्त रूप से सहयोग कर रहा है।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने 1998 से आईआईएएस के सदस्य देश के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
आईआईएएस के 2025-2028 के अध्यक्ष पद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2024 में सचिव डीएआरपीजी वी श्रीनिवास के रूप में भारतीय उम्मीदवारी को नामित किया था।
आईआईएएस अध्यक्ष पद के लिए सुनवाई फरवरी 2025 में नयी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में हुई। चार देशों (भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया और बहरीन) ने 2025-2028 की अवधि के लिए आईआईएएस अध्यक्ष पद के लिए अपने नामांकन पत्र प्रस्तुत किए।
इन चारों देशों ने आईआईएएस की प्रशासन परिषद के समक्ष सुनवाई में भाग लिया, जो वार्षिक आईआईएएस सम्मेलन 2025 के मौके पर आयोजित की गई थी।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, सुनवाई के बाद, भारत, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया की उम्मीदवारी को प्रशासन परिषद द्वारा अगले दौर के लिए आईआईएएस की आम सभा को भेज दिया गया। दक्षिण अफ्रीका ने मई 2025 में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली।
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच तीन जून को चुनाव हुआ था, जिसमें 141 वोट पड़े थे। इनमें से भारत को 87 वोट (61.7 प्रतिशत वोट) और ऑस्ट्रिया को 54 वोट (38.3 प्रतिशत वोट) मिले। बयान में कहा गया कि भारत की उम्मीदवारी को सभी सदस्यों से व्यापक समर्थन मिला।
आईआईएएस के 100 साल के इतिहास में यह पहली बार है कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मतपत्र के जरिये हुआ और यह पहली बार है कि भारत को आईआईएएस के अध्यक्ष पद के लिए ऐतिहासिक जनादेश मिला है।
आईआईएएस के प्रमुख सदस्य देशों में शामिल भारत, जापान, चीन, जर्मनी, इटली, कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, मैक्सिको, स्पेन, कतर, मोरक्को, इंडोनेशिया आदि शमिल हैं, लेकिन यह औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र से संबंद्ध निकाय नहीं है।
भाषा संतोष रंजन
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