नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) पांच मध्य एशियाई देशों ने शुक्रवार को भारत के साथ मिलकर 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की तथा मांग की कि आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाए तथा दंडित किया जाए।
नयी दिल्ली द्वारा आयोजित भारत-मध्य एशिया वार्ता के चौथे संस्करण में आतंकवाद से निपटने की चुनौती पर प्रमुखता से चर्चा हुई, जिसमें कई प्रमुख क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच सहयोग के समग्र स्वरूप को विस्तारित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सम्मेलन की अध्यक्षता की, जिसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के उनके समकक्षों ने भाग लिया।
मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए भी अपना समर्थन दोहराया।
सम्मेलन के अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि भारत, मध्य एशिया के देशों के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को गहराई से संजोए हुए है।
मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पारस्परिक प्रगति और समृद्धि के लिए व्यापार, संपर्क, ऊर्जा, फिनटेक, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य में हमारे सहयोग को और गहरा करने के लिए मिलकर काम करने की आशा है। हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी सामूहिक लड़ाई में दृढ़ और कृतसंकल्प हैं।’
विचार-विमर्श के अंत में जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि मंत्रियों ने ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की’ तथा सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया।
बयान में कहा गया, ‘उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।’
भाषा
शुभम सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.