नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने रविवार को कहा कि एकजुट बने रहना ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा, लेकिन अगर वह ऐसा करने में कामयाब रहा तो 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को शिकस्त मिलेगी।
इंडियन स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए भारद्वाज ने दावा किया कि कई दल जो भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं, आने वाले दिनों में विपक्षी गठबंधन में शामिल होंगे।
हालांकि, भाजपा नेता जयवीर शेरगिल ने दावा किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपनी ‘नफरत’ के कारण एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल दल कई मुद्दों पर एकमत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन बहुत दिन तक नहीं टिकने वाला है।
इसके जवाब में भारद्वाज ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में सभी दलों को बलिदान देना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन के लिए एक साथ रहना आसान नहीं है। लेकिन अगर यह एक साथ रहता है, तो मोदी जी फिर से नहीं आएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई दल जो डर के कारण राजग के साथ हैं, वे जल्द ही इंडिया (गठबंधन) में शामिल हो जाएंगे।’’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के घटक दलों के बीच कई मतभेद होने के बावजूद बुनियादी मुद्दों पर सहमति है।
झा ने कहा, ‘‘मतभेद हैं, इसीलिए हम अलग-अलग दल हैं। अन्यथा, हम एक पार्टी बन गए होते…लेकिन हम बुनियादी मुद्दों पर सहमत हैं।’’
उन्होंने एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर सरकार को अलग-थलग करने का आह्वान किया। साथ ही, लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगरपालिकाओं और पंचायत चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे की पड़ताल और सिफारिश करने के लिए गठित रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति में शामिल नहीं होने के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के फैसले का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘1967 तक हमारे यहां एक राष्ट्र, एक चुनाव था। उसके बाद क्या बदलाव आया। क्षेत्रीय पार्टियां आईं और हर तरफ बिखराव हो गया। क्या आप आज कह सकते हैं कि हमारे पास एक राष्ट्र, एक चुनाव है और कल विधानसभाएं भंग नहीं होंगी या खंडित जनादेश नहीं मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार कई मोर्चों पर अपनी विफलता को छिपाने के लिए यह दिखावा कर रही है। इस समिति पर गौर करिये, उन्होंने पहले ही रिपोर्ट तैयार कर ली है और उस पर कुछ हस्ताक्षर चाहते हैं।’’
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