scorecardresearch
गुरूवार, 29 मई, 2025
होमदेशस्वतंत्र न्यायपालिका का अभिप्राय न्यायाधीशों की अपने कर्तव्यों के पालन में स्वतंत्रता है: प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़

स्वतंत्र न्यायपालिका का अभिप्राय न्यायाधीशों की अपने कर्तव्यों के पालन में स्वतंत्रता है: प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़

Text Size:

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि एक स्वतंत्र न्यायपालिका का अभिप्राय केवल कार्यपालिका और विधायिका से विलगाव होना भर नहीं है बल्कि इसमें अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान न्यायाधीशों की स्वतंत्रता भी शामिल है।

वह न्यायालय के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उच्चतम न्यायालय में एक रस्मी पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे। पीठ में न्यायालय के न्यायाधीश शामिल थे और इसकी कार्यवाही में भाग लेने वालों में वकील और शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश शामिल थे।

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘‘संविधान एक स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए कई संस्थागत सुरक्षा उपाय करता है जैसे कि एक निश्चित सेवानिवृत्ति की आयु और उनकी नियुक्ति के बाद न्यायाधीशों के वेतन में बदलाव पर रोक’’।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ये संवैधानिक सुरक्षा उपाय स्वतंत्र न्यायपालिका सुनिश्चित करने के लिए अपने आप में पर्याप्त नहीं हैं। एक स्वतंत्र न्यायपालिका का अभिप्राय केवल कार्यपालिका और विधायिका से विलगाव होना भर नहीं है बल्कि बतौर न्यायाधीश अपने कर्तव्य के निर्वहन में न्यायाधीशों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता भी है।’’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि न्याय करने की कला सामाजिक और राजनीतिक दबाव और पूर्वाग्रहों से मुक्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में बदलावों के बावजूद 28 जनवरी, 1950 को इस अदालत के उद्घाटन बैठक के दौरान जिन सिद्धांतों को रेखांकित किया गया, वे आज भी एक स्वतंत्र उच्चतम न्यायालय के कामकाज के लिए प्रासंगिक बने हुए हैं।

उन्होंने कहा कि इस अदालत ने पिछले 75 वर्षों में लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में कई चुनौतियों का सामना किया है और इस न्यायालय ने कई वर्षों के दौरान सिद्धांतों की अपनी समझ तैयार की है।

उन्होंने कहा कि 28 जनवरी संवैधानिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि 75 साल पहले इसी दिन उच्चतम न्यायालय की पहली पीठ बैठी थी। उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश हरिलाल जे कनिया के नेतृत्व में संघीय अदालत के छह न्यायाधीश भारत के उच्चतम न्यायालय की पहली बैठक के लिए एकत्र हुए थे।

उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में इस अदालत ने लंबित मामलों की संख्या कम करने की दिशा में सकारात्मक रुख अपनाया है।

भाषा धीरज देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments