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Thursday, 18 April, 2024
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पुलवामा से कश्मीर घाटी में बढ़ते ई-जेहाद का पता चला, हमले के बाद मोदी ने क्या कहा

आतंकी हमले के दिन से ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा है कि हमला करने वालों ने बहुत बड़ी गलती कर दी है उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद देश वासियों का ही नहीं पूरी दुनिया का खून खौल रहा है. आतंकी हमले के दिन से ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा है कि हमला करने वालों ने बहुत बड़ी गलती कर दी है उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. उनके सख्त बयान के बाद सुरक्षा बलों ने मंगलवार को दावा किया कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के घाटी में गतिविधि चलाने वाले सरगना को मार गिराया गया है.

घाटी में इंटरनेट के माध्यम से कट्टरपंथ को हवा देने की बात उजागर 

इसी बीच पुलवामा में हुए आतंकी हमले से घाटी में इंटरनेट के माध्यम से कट्टरपंथ को हवा देने की बात उजागर हुई है, जिससे युवा ऐसे आत्मघाती बम धमाके करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं. आतंकी पूरी दुनिया में अपनी करतूतों को अंजाम देने के लिए इसका सहारा लेते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस में धमाका करने से पहले आदिल अहमद डार रिकॉर्ड किए गए वीडियो कॉलिंग के जरिए कश्मीरी युवाओं को भारत के विरुद्ध जंग के लिए उकसा रहा था. वह ई-जेहाद का उत्पाद था, जो दावानल की तरह फैल रहा है.

2016 में बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद पहली बार आतंकवाद का आकर्षण पैदा करने में इंटरनेट की भूमिका उजागर हुई. वानी की हत्या के बाद उसको सोशल मीडिया पर उभारा गया जिसके बाद वह मशहूर हो गया और अनेक युवाओं को हथियार उठाने को प्रेरित करने के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया.

युवाओं के आतंकी बनने की प्रवृति के मद्देनजर 15 कोर कमांडर कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने घाटी में माताओं को चेताया कि वे अपने बेटों को हथियार नहीं उठाने दें क्योंकि सेना उनको मार गिराएगी.

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सुरक्षा बलों का डर है कि पुलवामा की घटना से सिलसिलेवार प्रतिक्रिया हो सकती है जिसमें आत्मघाती बम धमाका एक पद्धति बन सकता है. अक्सर संघर्षरत क्षेत्रों में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति देखी जाती है.

बीते साल जितने आतंकवादी मार गिराए गए उतने हाल वर्षो में कभी नहीं मारे गए थे, लेकिन आम नागरिकों के हताहत होने और सुरक्षा बलों के शहीद होने की तादाद भी काफी बढ़ गई. सुरक्षा बलों के दबाव से युवाओं का आतंकी संगठनों में शामिल होना नहीं रुक रहा है.

अधिकारियों ने बताया कि वैश्विक इस्लामिक साहित्य आसानी से उपलब्ध हो रहा है. एजेंसियां एक दर्जन से अधिक ऐसी वेबसाइट का अनुसरण कर रही हैं जिनपर घाटी में काफी अधिक लोग संपर्क करते हैं. अक्सर देखा जाता है कि शहादत की सांस्कृतिक परंपरा का गुणगान किया जाता है जो उन्माद तक ले जाता है. धार्मिक आतंकवाद का सक्रियता से प्रचार करने वाली पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई भावनाओं को भड़काती है.

आतंकवाद का अड्डा माने जाने वाले पूरे दक्षिण कश्मीर में कट्टरता की लहर चल रही है, स्मार्टफोन रखने वाले युवाओं की नई पीढ़ी सेना पर पत्थरबाजी करने या हथियार उठाने को प्रेरित हो रही है.

पूरे क्षेत्र में मदरसे भी खुल गए हैं जहां स्थानीय कश्मीरियों के बजाए देवबंद के शिक्षक धार्मिक शिक्षा दे रहे हैं.

आतंकी हमले के बाद पीएम ने कब-क्या कहा

14 फरवरी :

आतंकी हमले के बाद उस दिन मोदी ने कहा, “पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला निंदनीय है. मैं इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे बहादुर जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. संपूर्ण राष्ट्र कंधे से कंधा मिलाकर शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा है. घायलों की जल्द तंदु़रुस्ती की कामना करता हूं.”

15 फरवरी:

वंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन का शुभारंभ करते हुए नई दिल्ली में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के शांति के मार्ग को कोई रोक नहीं सकता.

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय सैन्य बल को खुली छूट दी गई है और देश को अपने सैनिकों के शौर्य व बहादुरी पर भरोसा है. हमारे सुरक्षाकर्मी भारत की सुरक्षा व समृद्धि के दर्शन के वाहक हैं. पुलवामा के शहीदों ने भारत की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है इसलिए अब हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह भारत की भलाई व समृद्धि के लिए अपना जीवन समर्पित करें.”

प्रधानमंत्री ने आतंकी संगठनों और उनके प्रायोजकों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने बड़ी भूल की है. उन्होंने देश को भरोसा दिलाया कि दोषियों को कठोर दंड दिया जाएगा.

16 फरवरी:

महाराष्ट्र के धुले और यवतमाल में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पुलवामा हमले के मुजरिमों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और दुनिया को महसूस होगा कि भारत अब नया भारत है जिसकी नई दूरदर्शिता है और हर आंसू का बदला लिया जाएगा.”

17 फरवरी :

बिहार के बरौनी में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जो आग आपके दिल में है वही आग मेरे दिल में भी है.’

18 फरवरी :

भारत दौरे पर आए अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरिसियो मैक्री के साथ हैदराबाद हाउस में वार्ता के बाद मोदी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला बताता है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच वार्ता का समय समाप्त हो गया है. उन्होंने विश्व समुदाय से एकजुट होकर आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का आह्वान किया.

मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रपति मैक्री और मैं इस बात से सहमत हैं कि आतंकवाद दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए खतरा है. पुलवामा में बर्बर आतंकी हमला बताता है कि वार्ता का समय समाप्त हो गया है. अब पूरी दुनिया को एकजुट होकर आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत है.’

19 फरवरी :

मोदी ने अपने संसदीय चुनाव क्षेत्र वारणसी के एक गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीआरपीएफ के शहीद जवान रमेश यादव को श्रद्धांजलि दी. इलाके से आने वाले रमेश यादव पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विकास को बढ़ावा देने के लिए दो मोर्चो पर काम कर रही है. पहला राजमार्ग और रेलवे जैसे बुनियादी ढांचों के निर्माण पर और दूसरा यह सुनिश्चित करने के लिए कि विकास का लाभ जनता तक पहुंचे.

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