नयी दिल्ली/हुबली(कर्नाटक), 17 अप्रैल (भाषा) आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड से हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, वहीं भीड़ ने रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कर्नाटक के हुबली में पुलिस कर्मियों, एक अस्पताल और एक मंदिर पर हमला किया।
दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़पों के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हिंसा में आठ पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक घायल हो गए। मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो किशोरों को पकड़ा गया।
पुलिस ने बताया कि कर्नाटक के हुबली शहर में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है। मामले में लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। घटना में 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त लभू राम ने बताया किसी व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिस पर अन्य लोगों ने आपत्ति जताई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एक मामला दर्ज कर उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होने पर कुछ लोग थाने के आसपास जमा होने लगे। उन्हें समझाया गया और बाद में वहां से हटा दिया गया। अधिकारी ने बताया कि बीती रात एक बार फिर बड़ी संख्या में लोग थाने के आसपास जमा होने लगे और भारी पथराव किया जिसमें करीबए एक दर्जन पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि कई पुलिस वाहनों, एक नजदीकी अस्पताल और एक हनुमान मंदिर को क्षति पहुंचाई गई।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसे एक ‘संगठित हमला’ करार दिया और कहा कि राज्य में ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने लोगों से इस घटना को राजनीतिक रंग नहीं देने की भी अपील की और कहा कि इसे कानून व्यवस्था के नजरिये से देखा जाना चाहिए।
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा ‘‘यह पूर्व नियोजित हमला था। हुबली में उपद्रवी देवरा जीवनहल्ली और कडुगोंडाहल्ली जैसी घटना को अंजाम देना चाहते थे।’’
गृह मंत्री बेंगलुरु में 2020 में हुए दंगे का जिक्र कर रहे थे, जहां सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भीड़ ने बेंगलुरु में पुलकेशी नगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति और उनकी बहन के घर में आग लगा दी थी।
इस घटना की निंदा करते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए समुदायों के बीच दरार पैदा करना उचित नहीं है।
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के होलागुंडा गांव में हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प के बाद पथराव हुआ।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि झड़प शनिवार रात उस समय हुई, जब हनुमान जयंती के अवसर पर धार्मिक जुलूस निकाला जा रहा था। जब जुलूस गांव की एक मस्जिद के पास पहुंचा तो रमजान के मद्देनजर जयंती के आयोजकों ने माइक बंद कर दिया, लेकिन कुछ भक्तों ने कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए।
इससे नाराज होकर एक समुदाय के लोगों ने हनुमान जयंती के जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने कहा कि इसके बाद जुलूस में शामिल लोगों ने भी पथराव किया।
उत्तराखंड में, शनिवार शाम को हरिद्वार जिले में रुड़की के पास भगवानपुर इलाके के एक गांव से हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के गुजरने पर पथराव किया गया, जिसमें चार लोग घायल हो गए।
गढ़वाल रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के एस नागन्याल ने कहा कि आसपास के गांवों के लोगों के इकट्ठा होने से इलाके में तनाव बढ़ गया, लेकिन पुलिस के समय पर हस्तक्षेप से स्थिति पर काबू पा लिया गया। घटना के संबंध में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया और 13 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) प्रमेंद्र डोभाल ने कहा कि दादा जलालपुर गांव से गुजर रहे जुलूस पर छतों से पत्थर फेंके गए। इससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई क्योंकि जुलूस में शामिल लोग छिपने के लिए भागने लगे। हालांकि, पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और स्थिति को नियंत्रण में लाया गया। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में पुलिस और प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) के जवानों को तैनात किया गया है।
विपक्ष के 13 नेताओं ने शनिवार को देश में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा और घृणापूर्ण भाषण संबंधी घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जतायी थी और लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की थी। विपक्षी नेताओं ने इन मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर भी सवाल उठाया था।
संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा था कि वे ‘क्षुब्ध’ हैं कि भोजन, वेशभूषा, आस्था, त्योहारों और भाषा जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिये किया जा रहा है। यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत 13 नेताओं द्वारा जारी किया गया था।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि पिछले 70 वर्षों से चली आ रही ‘‘तुष्टीकरण की विचारधारा’’ देश भर में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए जिम्मेदार है। संयुक्त बयान को लेकर विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि विपक्ष की यह ‘चुनिंदा राजनीति’ देश के लिए हानिकारक है।
मध्य प्रदेश के खरगोन के कुछ इलाकों में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर पथराव और उसके बाद आगजनी की छिटपुट घटनाएं हुई थीं, जिसके चलते पूरे शहर में कर्फ्यू लगाया गया। दंगा प्रभावित खरगोन शहर में स्थिति सामान्य होने के बीच रविवार सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक चार घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई।
खरगोन के प्रभारी पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि हिंसा के संबंध में अब तक 44 मामले दर्ज किए गए हैं और 148 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
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