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तिरुवनंतपुरम, दो मई (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विड़िण्गम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के उद्घाटन को राज्य के लिए गौरव का क्षण बताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह केवल एक बंदरगाह का उद्घाटन नहीं है बल्कि यह विकास की संभावनाओं का द्वार है।
विजयन ने बंदरगाह के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘केरल के लिए यह एक सपना सच होने जैसा है। यह बंदरगाह भारत के लिए समुद्री, व्यापारिक और साजो-सामान संबंधी वैश्विक मानचित्र से जुड़ने का एक रास्ता खोलता है।’’
उन्होंने दावा किया कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के दृढ़ संकल्प ने इस परियोजना को गुमनामी से पुनर्जीवित किया और इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में बदल दिया।
विजयन ने बंदरगाह की प्रमुख विशेषताओं का जिक्र करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब बंदरगाह निर्माण में राज्य सरकार अग्रणी है।
उन्होंने बताया कि केरल सरकार परियोजना की कुल 8,686 करोड़ रुपये की लागत में से 5,370.86 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अदाणी समूह परियोजना लागत का 2,497 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है जबकि केंद्र 818 करोड़ रुपये की व्यवहार्यता अंतराल निधि (वीजीएफ) प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि बंदरगाह के चालू होने से देश 22 करोड़ डॉलर के उस वार्षिक नुकसान को धीरे-धीरे कम कर सकता है, जो ‘ट्रांसशिपमेंट’ (ढुलाई एवं लदान संबंधी) माल को विदेशी बंदरगाहों पर भेजने से होता है।
विड़िण्गम परियोजना के तहत इसका वाणिज्यिक संचालन निर्धारित समय से काफी पहले 2024 में शुरू कर दिया गया था। तब से 250 से अधिक पोत बंदरगाह पर आ चुके हैं और बंदरगाह का पहला चरण अब शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के तीनों चरण 2028 तक शुरू हो जाएंगे। विजयन ने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं, बाढ़ और कोविड-19 महामारी समेत परियोजना के सामने आईं कई बाधाओं को पार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन कठिन दौर में एक कदम भी पीछे नहीं हटाया और निर्माण कंपनी ने भी बहुत सहयोग किया।’’
विजयन ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सरकारों द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख किए बिना कहा कि इस परियोजना को 1996 में सत्ता में आई एलडीएफ सरकार ने तैयार किया था।
उन्होंने कहा कि 2009 में अगले एलडीएफ शासन के दौरान, एक अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम को निविदाएं जारी करने के लिए अधिकृत किया गया था लेकिन केंद्र ने परियोजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी।
उन्होंने ओमान चांडी का नाम लिए बिना या एलडीएफ द्वारा परियोजना के खिलाफ किए गए प्रदर्शन का उल्लेख किए बिना कहा कि पिछली सरकार द्वारा एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसकी काफी आलोचना हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में सत्ता में आई एलडीएफ सरकार ने इस परियोजना को पूरे जोश से आगे बढ़ाया क्योंकि उसे लगा कि ‘‘विकास के रास्ते में राजनीति को नहीं आना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि परियोजना के बारे में लोगों के बीच गलतफहमी फैलाने की कई कोशिश नाकाम की गईं।
तटीय लोगों के पुनर्वास और आजीविका की समस्याओं को 120 करोड़ रुपये खर्च करके हल किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से रोजगार के 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बंदरगाह राज्य और राष्ट्र के विकास में बड़े पैमाने पर मदद करेगा।’’
इससे पहले, राज्य के बंदरगाह मंत्री वी एन वासवन ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री विजयन की प्रशंसा करते हुए उन्हें कर्मयोगी और विड़िण्गम बंदरगाह का वास्तुकार करार दिया।
भाषा सिम्मी नरेश
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