scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशयूपी के इस प्राइमरी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठकर करना पड़ता है भोजन

यूपी के इस प्राइमरी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठकर करना पड़ता है भोजन

वीडियो में दलित छात्रों से पूछा जा रहा है कि वह अलग बैठकर क्यों खाते हैं. इस पर उनका कहना है कि दूसरे छात्र उनको भगा देते हैं. वह अपने साथ बैठकर भोजन नहीं करने देते हैं.

Text Size:

लखनऊ: यूपी के बलिया जिले के एक प्राइमरी स्कूल में भोजन के दौरान भेदभाव का मामला सामने आया है.यहां के प्राथमिक विद्यालय रामपुर नंबर एक में सामान्य और दलित वर्ग के बच्चे एक साथ बैठकर भोजन नहीं करते बल्कि अलग बैठकर खाते हैं. यहां तक कि कुछ सामान्य वर्ग के छात्र थाली भी अपने घर से लेकर आते हैं. सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है. हालांकि शिक्षकों का कहना है कि बच्चे अपनी मर्जी से अलग-अलग खाते हैं, स्कूल की ओर से उन्हें अलग खाने को नहीं कहा जाता.

बच्चों के इस भेदभाव का विडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. एक छात्र ने पूछने पर बताया कि वह अपने घर से खाने का बर्तन लाता है. उसने कहा कि स्कूल में जिस प्लेट में खाना दिया जाता है. उसमें किसी को भी खाना दिया जाता है.वे लोग उसमें खाना नहीं खा सकते हैं इसलिए वे अपने घरों से बर्तन लाते हैं.

वहीं अलग बर्तन लाकर खाना खाने के मामले में जब स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम बच्चों को कहते हैं कि वे साथ बैठें और खाएं लेकिन वे लोग नहीं मानते हैं.’

द प्रिंट से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘चाहे घर से संस्कार मिला हो या कोई भी बात हो लेकिन वे छात्र दलित छात्रों के साथ बैठकर खाना नहीं खाना चाहते हैं. कई बार समझाया लेकिन वह अलग ही खाते हैं.’

वीडियो में दलित छात्रों से पूछा जा रहा है कि वह अलग बैठकर क्यों खाते हैं. इस पर उनका कहना है कि दूसरे छात्र उनको भगा देते हैं. वह अपने साथ बैठकर भोजन नहीं करने देते हैं. वहीं एक सामान्य वर्ग का छात्र ये भी कबूल रहा है कि वह घर से अलग प्लेट लेकर आता है. जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘विद्यालय एक संस्था है, जिसमें बच्चों के चरित्र का निर्माण होता है. अगर इस तरह की कोई बात है तो इस मामले की जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी.इस प्रथा को समाप्त किया जाएगा.’

मायावती ने की कार्रवाई की मांग

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले को ट्वीटर पर उठाया है. मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी के बलिया जिले के सरकारी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठाकर भोजन कराने की खबर अति-दुःखद व अति-निन्दनीय है. बीएसपी से मांग है कि ऐसे घिनौने जातिवादी भेदभाव के दोषियों के खिलाफ राज्य सरकार तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि दूसरों को इससे सबक मिले व इसकी पुनरावृति न हो.

वहीं कांग्रेस विधायक अजय लल्लू ने भी ये मामला उठाया है. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है- ‘ भेदभाव,लूट की मिसाल बन गईं है सूबे की सरकार। कभी रोटी नमक, कभी समुदाय विशेष से भेदभाव तो कभी दलित छात्रों के साथ भेदभाव. पूरी व्यवस्था का मज़ाक बना कर रख दिया है सरकार ने. अगर सरकार नहीं चेती तो मजबूरन हमें सड़क पर आना पड़ेगा.’

share & View comments