शिलांग, 13 जून (भाषा) मेघालय के सोहरा में सनसनीखेज हनीमून हत्याकांड के मद्देनजर, राज्य सरकार ने शुक्रवार को राज्य के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यटकों के रूप में आपराधिक तत्वों के प्रवेश पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से मौजूदा कानून को मजबूत करने का फैसला किया।
राज्य सरकार ने यह कदम इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की नृशंस हत्या के कुछ सप्ताह बाद उठाया है। मेघालय के सोहरा में हनीमून पर आए राजा रघुवंशी की उनकी पत्नी और उसके प्रेमी द्वारा कथित तौर पर रची गई साजिश के तहत हत्या कर दी गई थी।
मंत्रिमंडल के प्रवक्ता पॉल लिंगदोह ने यहां कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने आज मेघालय निवासी सुरक्षा एवं संरक्षा अधिनियम (एमआरएसएसए), 2016, में संशोधन करने का निर्णय लिया, ताकि इस अधिनियम को और अधिक सशक्त बनाया जा सके। इसका उद्देश्य पर्यटकों के वेश में आपराधिक तत्वों के मेघालय में प्रवेश की संभावना को न्यूनतम करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार जल्द ही इस कानून को और मजबूत करने के लिए एक औपचारिक प्रस्ताव लेकर आएगी।’’
अधिनियम पर पुनर्विचार करने की तत्काल आवश्यकता, व्यवसायी राजा की पत्नी सोनम से जुड़े मामले के कारण उत्पन्न हुई। उसने अपने प्रेमी और उसके दोस्तों के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की कथित तौर पर साजिश रची थी।
वर्ष 2016 का यह अधिनियम मूल रूप से किरायेदारों और पर्यटकों की जांच के माध्यम से मेघालय के निवासियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लाया गया था।
यह पर्यटन-विशिष्ट ऐप के माध्यम से पहचान सत्यापन की अनुमति देता है और इसमें इनर लाइन परमिट प्रणाली के समान प्रावधान हैं, जिसकी मांग राज्य लंबे समय से केंद्र से कर रहा है।
लिंगदोह के अनुसार, विधानसभा ने मेघालय में इनर लाइन परमिट लागू करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास लंबित है।’’
लिंगदोह के अनुसार, मंत्रिमंडल ने इस मामले को रिकॉर्ड समय में सुलझाने और सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने तथा राज्य को ‘‘बदनाम’’ होने से बचाने के लिए पूरे पुलिस विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया।
भाषा सुभाष दिलीप
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