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Friday, 31 October, 2025
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वर्तमान स्थिति में, हम भारत को स्वाभाविक साझेदार और मित्र के रूप में देखते हैं: साइप्रस

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नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) साइप्रस के विदेश मंत्री कॉन्स्टेंटिनोस कोम्बोस ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारत तेजी से बढ़ते बहुध्रुवीय विश्व में एक अग्रणी आवाज के रूप में उभर रहा है और साइप्रस नयी दिल्ली को न केवल एक पुराने मित्र के रूप में, बल्कि भविष्य के सहयोग के लिए एक साझेदार के रूप में भी देखता है।

कोम्बोस ने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में यह भी कहा कि यूरोपीय संघ-भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के ‘वांछित परिणाम’ से न केवल यूरोपीय संघ-भारत संबंध मजबूत होंगे, बल्कि साइप्रस, भारत और सभी यूरोपीय देशों के लिए ‘विशाल आर्थिक अवसर’ भी खुलेंगे।

कोम्बोस ने ‘साइप्रस और विश्व’ विषय पर 55वां सप्रू हाउस व्याख्यान में कहा, ‘‘भारत एक वैश्विक महाशक्ति है, यह एक तथ्य है… इसका इतिहास और संस्कृति अत्यंत समृद्ध है और इसकी क्षमता अद्वितीय है। यह एक तथ्य है।’’

उन्होंने यह भी बताया कि साइप्रस और भारत कैसे साझेदार बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में, जब विखंडन, अस्थिरता और अनिश्चितता का बोलबाला है, साइप्रस विभाजन की दीवारों के बजाय ‘सहयोग का तंत्र’ बनाने में विश्वास करता है।

उन्होंने वैश्विक वित्तीय मंदी, कोविड-19 संकट, दुनिया भर में मुद्रास्फीति में वृद्धि और ‘रूस के अवैध आक्रमण और निरंतर आक्रामकता’ के बाद ‘यूक्रेन में युद्ध’ का उल्लेख किया। उन्होंने गाजा की मौजूदा स्थिति, लाल सागर में खतरे और ईरान की परमाणु आकांक्षाओं पर भी प्रकाश डाला।

साइप्रस के मंत्री ने कहा, ‘कट्टरपंथ, अतिवाद और आतंकवाद आज एक वैश्विक वास्तविकता हैं… और वैश्विक व्यवस्था की दिशा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है… इस समय, कोई भी वैश्विक व्यवस्था की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी के रूप में कार्य करने को तैयार नहीं है। हम सभी को व्यक्तिगत रूप से और साथ मिलकर ऐसा करना होगा, और इसमें एक अवसर है।’

उन्होंने कहा कि ‘इस गतिशील स्थिति में, हम भारत को एक स्वाभाविक साझेदार और सहयोगी के रूप में देखते हैं’।

उन्होंने कहा, ‘आज, जब भारत एक बढ़ती हुई बहुध्रुवीय दुनिया में अग्रणी आवाज़ के रूप में उभर रहा है। साइप्रस भारत को न केवल एक पुराने मित्र के रूप में, बल्कि भविष्य के सहयोग के लिए एक साझेदार के रूप में भी देखता है।’

कोम्बोस 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

भाषा अमित रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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