इंदौर (मध्यप्रदेश), 30 अप्रैल (भाषा) देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के स्थानीय निकाय ने बुधवार को अपने बेड़े में बिजली से चलने वाली 100 कचरा संग्रहण गाड़ियां शामिल कीं ताकि कार्बन उत्सर्जन में कटौती करके हवा की गुणवत्ता सुधारी जा सके। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी और शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव की मौजूदगी में राजबाड़ा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में बिजली से चलने वाली 100 कचरा संग्रहण गाड़ियां लोकार्पित की गईं।
अधिकारियों ने बताया कि ये गाड़ियां शहर के मध्य क्षेत्र में घर-घर से कचरा जमा करेंगी जहां घनी बसाहट वाली आबादी के बीच वाहनों से होने वाला वायु प्रदूषण अन्य इलाकों के मुकाबले ज्यादा है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री विजयवर्गीय ने कार्यक्रम में कहा,“हमने देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को हरित नगर बनाने का संकल्प लिया है। बिजली से चलने वाली कचरा संग्रहण गाड़ियां इस संकल्प को पूरा करने में मददगार साबित होंगी। इन गाड़ियों से वायु प्रदूषण घटेगा जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।’’
हरित ऊर्जा के जानकार चेतन सिंह सोलंकी ने एक अनुमान के हवाले से ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इंदौर में डीजल ईंधन वाली मध्यम आकार की कचरा संग्रहण गाड़ी के पांच किलोमीटर चलने पर एक किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन होता है।
सोलंकी, मुंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में प्रोफेसर हैं और इंदौर में ऊर्जा साक्षरता बढ़ाने के लिए जारी अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने बताया,‘‘बिजली से चलने वाली कचरा संग्रहण गाड़ियों से इंदौर में कार्बन उत्सर्जन में जाहिर तौर पर बड़ी कटौती होगी। हालांकि, मेरा मानना है कि सीएनजी से चलने वाले वाहन पर्यावरण के ज्यादा हितैषी होते हैं।’’
आईएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि शहरी निकाय के बेड़े में बिजली से चलने वाली 100 गाड़ियां जुड़ने के बाद कचरा जमा करने वाले वाहनों की कुल तादाद बढ़कर 750 पर पहुंच गई है।
उन्होंने बताया,‘‘आईएमसी की कचरा संग्रहण गाड़ियों के बेड़े में शामिल 250 वाहन डीजल से चल रहे हैं, जबकि शेष 400 गाड़ियां सीएनजी से चलाई जा रही हैं।’’
वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए काम करने वाले वैश्विक गठजोड़ ‘‘क्लीन एयर कैटलिस्ट’’ के अध्ययन के मुताबिक, इंदौर में हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में वाहनों के प्रदूषण और सड़क पर उड़ने वाली धूल की सर्वाधिक 70 फीसद हिस्सेदारी है।
इंदौर, राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार सात बार अव्वल रहा है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाला यह शहर वर्ष 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में ‘सुपर स्वच्छ लीग’ की दौड़ में है। इस लीग को स्वच्छता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों के बीच अलग से मुकाबले के लिए पहली बार पेश किया गया है।
‘सुपर स्वच्छ लीग’ में इंदौर को नवी मुंबई और सूरत के साथ 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में रखा गया है।
भाषा हर्ष
मनीषा
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