नई दिल्ली: भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि 4 जुलाई को मणिपुर के थौबल जिले के खंगाबोक में इंडिया रिजर्व बटालियन से उग्रवादियों ने हथियार लूटने का प्रयास किया. हालांकि, उग्रवादियों के इस प्रयास को सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया.
भारतीय सेना की स्पीयर कोर ने कहा कि घटना में एक दंगाई भी मारा गया और कुछ अन्य घायल हो गए. इस संबंध में, स्पीयर कॉर्प्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया, “मणिपुर के थौबल जिले के खंगाबोक में इंडिया रिजर्व बटालियन से हथियार लूटने के प्रयास को आज सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया. इस दौरान एक दंगाई मारा गया, जबकि कुछ अन्य लोग इस दौरान घायल हो गए.”
𝗔𝘁𝘁𝗲𝗺𝗽𝘁 𝘁𝗼 𝗟𝗼𝗼𝘁 𝗪𝗽𝗻𝘀 𝗳𝗿𝗼𝗺 𝗜𝗥𝗕 𝗮𝘁 𝗞𝗵𝗮𝗻𝗴𝗮𝗯𝗼𝗸,𝗧𝗵𝗼𝘂𝗯𝗮𝗹 𝗗𝗶𝘀𝘁𝘁
An attempt to loot weapons from an India Reserve Battalion at Khangabok in Thoubal district of #Manipur was successfully thwarted by Security Forces today. One rioter was… pic.twitter.com/K6QxCVMMU5— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) July 4, 2023
इसमें आगे कहा गया है कि असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त टुकड़ियां स्थिति को नियंत्रण में लाने में सक्षम थीं, जब भीड़ ने सुरक्षा बलों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़क जाम कर दी थी.
इसमें कहा गया, “भीड़ ने अतिरिक्त बलों की आवाजाही को रोकने के लिए नाकेबंदी कर दी थी. हालांकि, असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त टुकड़ियों को अभियान में शामिल किया गया और सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों से स्थिति को नियंत्रण में लाया गया.”
इससे पहले सोमवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में मौजूदा स्थिति से संबंधित महत्वपूर्ण सुरक्षा मामलों पर चर्चा के लिए संयुक्त मुख्यालय (सीएचक्यू) की एक बैठक की अध्यक्षता की.
इस बैठक के बाद मणिपुर के सीएम ने ट्वीट कर कहा, “मणिपुर में मौजूदा स्थिति से संबंधित महत्वपूर्ण सुरक्षा मामलों पर चर्चा करने के लिए आज मेरे कार्यालय में हुई संयुक्त मुख्यालय (सीएचक्यू) की एक बैठक की अध्यक्षता की. राज्य में, विशेषकर तलहटी में हिंसा को तुरंत रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.”
बैठक में राज्य सरकार, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों में अवैध रूप से स्थापित सभी बंकरों को हटा दिया जाएगा. साथ ही राज्य में स्थिति पर बेहतर नियंत्रण के लिए पहाड़ी चोटियों पर सुरक्षा बलों के लिए चौकियां बनाई जाएंगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, “कृषि गतिविधियों को समय पर शुरू करने की आवश्यकता है. मणिपुर राइफल्स और आईआरबी सहित लगभग 2000 सुरक्षा कर्मियों को पहाड़ी क्षेत्रों से सटे स्थानों पर अतिरिक्त तैनाती की गई है. जहां कृषि कार्य किए जा रहे हैं वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होगी और तैनात सुरक्षाकर्मी लोगों को सुरक्षा प्रदान करेंगे. सशस्त्र उपद्रवियों द्वारा दोनों समुदायों के किसानों के साथ होने वाली गड़बड़ी को रोकने का पूरा प्रयास किया जाएगा.”
मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी.