इंदौर (मप्र), 27 अगस्त (भाषा) इंदौर में ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ के नाम पर ठगी की वारदातें लगातार सामने आ रही हैं। पिछले आठ महीनों के दौरान ठग गिरोहों ने ऐसे अलग-अलग मामलों में 13 लोगों को कुल 1.50 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें उनके घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने संवाददाताओं को बताया,‘‘हमें एक जनवरी से अब तक डिजिटल अरेस्ट के नाम पर कुल 1.50 करोड़ रुपये की ठगी को लेकर 13 लोगों की शिकायतें मिली हैं। इसमें से 46 लाख रुपये की रकम हमने पीड़ितों को वापस करा दी है।’
उन्होंने बताया कि ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ के अधिकतर मामलों में ठगों ने खुद को पुलिस या सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी या कोरियर कम्पनी के कर्मचारी बताया और मनगढ़ंत मामलों में कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर शिकायतकर्ताओं को ‘ऑनलाइन’ ठग लिया।
दंडोतिया ने बताया,’हमारी जांच में पता चला है कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले लोगों के तार ओडिशा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार से जुड़े हैं।’
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि शहर में ‘‘डिजिटल अरेस्ट’ के ताजा मामले में ‘ट्रांसफार्मर’ बनाने वाले एक कारखाने के मालिक को जाल में फंसा कर आठ लाख रुपये का चूना लगा दिया गया।
उन्होंने बताया,‘‘ठगों ने इस व्यक्ति को फोन करके कहा कि उसके द्वारा थाईलैंड भेजे गए कंटेनर में नशीली दवाएं और आपत्तिजनक सामग्री मिलने के कारण सीमा शुल्क विभाग ने कंटेनर जब्त कर लिया है।’’
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि ठगों ने कारखाने के मालिक को यह झांसा भी दिया कि उसका बैंक खाता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धनशोधन में इस्तेमाल हुआ है।
उन्होंने बताया,‘‘ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस की अपराध निरोधक शाखा के अधिकारी बताकर जांच के नाम पर इस व्यक्ति को वीडियो कॉल किया। उन्होंने इस व्यक्ति को 14 साल के कारावास और भारी जुर्माने का डर दिखाकर उसके बैंक खाते से एक अन्य खाते में आठ लाख रुपये की रकम मंगवा ली।’’
दंडोतिया ने बताया कि वीडियो कॉल के दौरान जब दूसरी तरफ से बहुत देर तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, तो कारखाने के मालिक को अहसास हुआ कि उसे चूना लगा दिया गया है।
भाषा हर्ष
राजकुमार
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