आगरा: लघु उद्योग भारती के तत्वावधान में गुरुवार को आगरा में आयोजित उद्यमियों के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार की पांच साल की सफलता का बखान करते हुए दावा किया कि पिछले कुछ समय में राज्य के निर्यात में 250 गुना की वृद्धि हुई है.
यूपी के 60 जिलों से आए 1500 उद्यमियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें तीन महीने में तीसरी बार लघु उद्योग भारती से जुड़ने का सौभाग्य मिला है. उन्होंने कहा, “इससे पहले लघु उद्योग भारती ग्रेटर नोएडा में ट्रेड शो में भी भागीदार थी, जिसमें 500 विदेशी उद्योगपति भी मौजूद थे. पूरी दुनिया ने उद्योग के क्षेत्र में यूपी की क्षमता देखी थी.”
सीएम ने बताया कि उन्हें भदोही में इंटरनेशनल एक्सपो में जाने का मौका मिला, जहां उन्हें एहसास हुआ कि राज्य में उद्यमियों की उपेक्षा की गई है और वह निराशाजनक स्थिति में रह रहे हैं. उन्होंने कहा, “भारत हर साल 17,000 करोड़ रुपये का कालीन निर्यात करता है, जिसमें से अकेले 10,000 करोड़ रुपये का निर्यात भदोही, मिर्ज़ापुर और वाराणसी से होता है.”
उन्होंने आगे कहा कि लघु उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो कम खर्च, कम जगह और पर्यावरण के सभी मानकों को पूरा करता है और अधिक रोज़गार पैदा करता है. आदित्यनाथ ने कहा, “अधिक परिवारों को रोजगार और आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान करना लघु उद्योग के माध्यम से ही किया जा सकता है.”
छोटे पैमाने के उद्यमों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आशीर्वाद और प्रेरणा से इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने का काम एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के माध्यम से किया गया, जिसमें सरकार द्वारा डिज़ाइन, प्रौद्योगिकी, पैकिंग और बाज़ार प्रदान करने का प्रयास किया गया, जिसके अच्छे परिणाम मिले.
उन्होंने यूपी की नई MSME नीति का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज जब कोई उद्यमी नया उद्योग खोलता है तो उसे 1000 दिन तक कोई एनओसी नहीं लेनी पड़ती; वह पहले अपना प्रोडक्ट तैयार कर सकते हैं क्योंकि राज्य सरकार ने अच्छा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया है और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुआ है.
सीएम ने कहा, “काम तेज़ी से प्रगति कर रहा है; उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेश शुरू हो गया है और राज्य को 38 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे राज्य में युवाओं के लिए एक करोड़ 10 लाख नौकरियां अर्जित होंगी. केंद्र सरकार के साथ मिलकर यूपी सरकार देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य को आगे बढ़ाएगी, जिसके लिए उद्यमियों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.”
अपराध के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यूपी की कानून व्यवस्था एक मिसाल बन गई है और उनकी सरकार किसी को भी राज्य की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की इज़ाज़त नहीं देगी, चाहे वह कोई भी हो. अगर कोई गड़बड़ करता है, तो उसे परिणाम भुगतना होगा. 2023 के चुनाव में पहली बार कानून-व्यवस्था चुनावी मुद्दा बनी और जनता राज्य सरकार के साथ खड़ी दिखी. हमें कानून-व्यवस्था पर जनता से अपार समर्थन मिल रहा है.”
उन्होंने उपस्थित उद्यमियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार की कई ऐसी नीतियां हैं, जो स्थानीय स्तर पर उद्योगपतियों की समस्याओं का समाधान करती हैं. सभी जिलों में जिलाधिकारी और एसपी के साथ मंडल स्तर पर कमिश्नर के साथ समस्या निवारण तंत्र बनाया गया है. सीएम ने कहा, “उद्योगपति अपनी सभी समस्याओं का समाधान वहां पा सकते हैं. किसी भी उद्यमी को चिंतित नहीं होना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि जिन उद्यमियों ने जीएसटी में पंजीकरण कराया है, उन उद्योगपतियों को पांच लाख रुपये की बीमा सुविधा प्रदान की गई है; एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन है तो बीमा कवर भी है और लैंड बैंक भी बनाए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने छोटे उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर वह साफ नियत और बेहतर संवाद के साथ कारोबार में आगे बढ़ें तो उत्तर प्रदेश को उद्योग के क्षेत्र में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. सीएम ने कहा, “डबल इंजन सरकार उद्योगपतियों की सुरक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ उनके साथ खड़ी है.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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