पटना: बिहार में अब पुलों की सेहत का पता लगाने के लिए ‘हेल्थ कॉर्ड’ बनाए जाएंगे. यही नहीं पुलों को टिकाऊ बनाने और उनके रखरखाव के लिए भी एक पॉलिसी बनाई जाएगी. पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंदकिशोर यादव ने शनिवार को बताया कि राज्य में सड़कों के रखरखाव के लिए ‘मेंटेनेंस पॉलिसी’ बनाई गई है, जिसके तहत राजकीय पथ, जिला एवं ग्रामीण सड़कों का निर्माण ठीक से हो रहा है. उन्होंने बताया कि सड़कों का निर्माण करने वाली कंपनी के साथ ही उनके रखरखाव के लिए भी अनुबंध किया जाता है, जिसके तहत सात वर्षों तक सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की होती है.
यादव ने बताया कि सरकार अब जल्द ही पुलों के लिए भी ऐसी ही पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शुक्रवार को ‘बड़े पुल : नवाचार एवं चुनौतियां’ विषय पर कार्यशाला में पुलों की सुरक्षा पर जोर देते हुए इसके लिए समर्पित शाखा (डेडिकेटेड विंग) बनाने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बिहार में पुलों के रखरखाव के लिए पुल प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाएगी. इसके जरिए सभी पुलों का ऑडिट कराया जाएगा, ताकि पता चल सके कि पुल कैसे ज्यादा समय तक बरकरार रह सकेंगे. नदियों पर बने बड़े पुलों की सुरक्षा के लिए पानी के अंदर निरीक्षण पर जोर दिया जाएगा. प्रत्येक पुल का अलग ‘हेल्थ कार्ड’ तैयार किया जाएगा.’
यादव ने कहा कि पुल बनने पर नदियों का प्रवाह बाधित न हो, इसका भी ख्याल रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलों की मरम्मत के लिए इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने पर सरकार विचार कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘रोड मेंटेनेंस को भी लोक शिकायत निवारण कानून के तहत लाया जाएगा, जिससे आम लोग भी खराब सड़कों की शिकायत कर सकेंगे और उस पर काम भी तय समय सीमा के अंदर हो सकेगा.’
पथ निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से संभावित क्षेत्रों में पुलों की जांच के बाद आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि पुलों की क्या स्थिति है. ऐसे में जो पुल कमजोर हो गए हैं, उनकी या तो मरम्मत कराई जा सकेगी या नया निर्माण कराया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य का पुल निर्माण निगम लिमिटेड वर्ष 2005 से 2019 तक 2160 योजनाएं पूरी कर चुका हैं, जबकि विभिन्न परियोजनाओं पर काम चल रहा है.
Char Pul ka Nirman Nagar Kshetra Mein Hona chahie purv Mein Nadi Mein chahie Ek Chanda Ne poochha