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Saturday, 9 August, 2025
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बरेली के केंद्रीय कारागार में बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधी

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बरेली (उप्र), नौ अगस्त (भाषा) बरेली के केंद्रीय कारागार में शनिवार को बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधी और उन्हें अपराध की दुनिया छोड़कर समाज में सम्मान हासिल करने की शपथ दिलाई।

जेल अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जेल में बंद कुछ महिला कैदियों ने इस त्योहार के मौके पर उनसे मिलने आए अपने भाइयों को राखी बांधी।

रंग-बिरंगी राखियों और मिठाइयों से सजी थालियां लेकर आईं बहनों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार भाइयों की कलाई पर राखी बांधी, तिलक लगाया और उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना की।

इसके साथ ही उन्होंने अपने भाइयों को अपराध की दुनिया छोड़कर समाज में एक सम्मानजनक स्थान बनाने की शपथ दिलाई।

रक्षाबंधन के मौके पर अपनी बहनों को उनसे मिलने आते देख कई पुरुष कैदी भावुक हो गए और उन्हें गले लगा लिया।

बहनों ने कहा कि भाई भले ही जेल की चहारदीवारी के अंदर हो, लेकिन एक-दूसरे के प्रति उनका प्यार और आशीर्वाद कभी कम नहीं हो सकता।

बरेली केंद्रीय कारागार-2 (पहले बरेली की जिला जेल) के वरिष्ठ अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि जेल प्रशासन ने बहनों और भाइयों की मुलाकात के लिए विशेष व्यवस्था की थी, जिसमें सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें मिठाई और पानी की सुविधा भी प्रदान की गई थी।

जेल अधीक्षक ने कहा कि इस तरह के आयोजन कैदियों को भावनात्मक रूप से उनके परिवारों से जोड़ते हैं और उन्हें समाज में खुद को फिर से स्थापित करने की प्रेरणा देते हैं।

बरेली जिले के भमोरा थाना क्षेत्र से जेल आए भूपेंद्र चौधरी (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह अपनी सगी बहन ममता (बदला हुआ नाम) से राखी बंधवाने आए थे। वह चार भाइयों में इकलौती बहन थी, लेकिन वह बुरी संगत में पड़कर अफीम की तस्करी करने लगी। अब ममता का कहना है कि अब वह खुद को सभी अपराधों से दूर रखेगी।

प्रदीप नामदेव (बदला हुआ नाम) पांच बहनों में इकलौता भाई है। सभी बहनें अपने भाई को राखी बांधने आई थीं। बहनों ने कहा कि एक बुरे चरित्र वाली महिला ने उनके 24 वर्षीय भाई को झूठे मामले में फंसाया है।

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य पुष्पा पांडे ने केंद्रीय कारागार-2 पहुंचकर महिला कैदियों से मुलाकात की और उन्हें सही रास्ते पर चलने की शपथ दिलाई।

पांडे ने उन महिलाओं से राखी बंधवाई जिनके भाई राखी बंधवाने नहीं आए थे। पांडे ने इस अवसर को प्रेरणादायक बनाने और जेल परिसर की सजावट तथा जेल की व्यवस्था के लिए जेलर शैलेश कुमार सिंह, जेलर आनंद सिंह, डिप्टी जेलर चैतन्य कुमार सिंह, डिप्टी जेलर पीयूष पांडे, किरण कुमारी, रीता सागर और जेल कर्मचारियों की सराहना की।

भाषा सं जफर पवनेश संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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