नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत में रुकावट के लिए भारतीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराया, वहीं तालिबान से जुड़े सवाल से वह बचते नजर आए.
इमरान खान उज्बेकिस्तान के ताशकंद में सेंट्रल-साउथ-एशिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने पहुंचे थे.
#WATCH Pakistan PM Imran Khan answers ANI question, 'can talks and terror go hand in hand?'. Later he evades the question on whether Pakistan is controlling the Taliban.
Khan is participating in the Central-South Asia conference, in Tashkent, Uzbekistan pic.twitter.com/TYvDO8qTxk
— ANI (@ANI) July 16, 2021
इमरान खान ने मीडिया के एक सवाल जिसमें पूछा गया कि बात और आतंकवाद दोनों एक साथ चल सकता है, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते को बेहतर करना चाहता है लेकिन आरएसएस की विचारधारा बीच में आ जाती है.
इमरान खान ने कहा, ‘भारत से तो हम कह सकते हैं कि कितनी देर से इंतजार कर रहे हैं कि सिविलाइज्ड होकर हम साए बनकर रहें लेकिन करें तो क्या करें एक आरएसएस की आइडियोलॉजी रास्ते में आ गई है.’
वहीं मीडिया के दूसरे सवाल पर कि क्या तालिबान पर आपका कंट्रोल नहीं है तो उन्होंने इसका जवाब दिए बिना आगे बढ़ गए.
वहीं इमरान खान के भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं. इमरान खान अपने देश के आतंकी ठिकानों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं. आरएसएस को दोष देने का कोई मतलब नहीं है, यह उनके द्वारा दिया गया एक अनावश्यक बयान है. आरएसएस सद्भाव का उपदेश देता है.