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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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तेलंगाना में अनुमोदित कोष के सही इस्तेमाल नहीं होने से वन्यजीव, वनस्पति पर पड़ रहा है प्रभाव: केंद्र

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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) केंद्र ने तेलंगाना सरकार को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की है कि क्षतिपूरक वनीकरण और वन व वन्यजीव संरक्षण के लिए अनुमोदित धन का उपयोग करने में उसकी ‘अक्षमता’ का राज्य के वनस्पतियों और प्राणियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को रविवार को लिखे एक पत्र में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार की वार्षिक संचालन योजना के अनुसार पिछले तीन वर्षों में प्रतिपूरक वनीकरण के लिए 1,737.75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

हालांकि, उन्होंने कहा कि केवल 1,127.93 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है, जबकि 609.82 करोड़ रुपये अप्रयुक्त हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रतिपूरक वनीकरण के लिए केंद्र द्वारा प्रदान की गई धनराशि का पूरी तरह से उपयोग करने में अक्षमता ने राज्य में विभिन्न वनस्पतियों और जीवों के आवासों को प्रभावित किया है।

रेड्डी ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण भारत के सभ्यतागत लोकाचार और संस्कृति का एक अंतर्निहित हिस्सा है और वन, कई प्रकार के वन्यजीवों की प्राकृतिक वास के साथ ही जनजातीय समुदायों के लिए औषधीय जड़ी-बूटियों और आजीविका के अन्य अवसर प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि इन सभी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने देश भर में विभिन्न विकास कार्यक्रमों के कारण समाप्त हुए वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई है और ‘प्रतिपूरक वनीकरण प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए)‘ की स्थापना की गई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में बाघों की संख्या पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि तेलंगाना उन कुछ राज्यों में से एक है जहां बाघों की आबादी कम हो गई है और तत्काल संरक्षण उपायों की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और पार्कों और चिड़ियाघरों के रखरखाव के लिए विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत पिछले कुछ वर्षों में तेलंगाना को लगभग 30 करोड़ रुपये जारी किए हैं। हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि राज्य सरकार ने इन निधियों का सही उपयोग नहीं किया है।

रेड्डी ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर के तहत अपने हिस्से के 2.20 करोड़ रुपये भी जारी नहीं किए हैं।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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