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रविवार, 6 जुलाई, 2025
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आईएमए चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा पर न्यायालय की समिति के साथ काम करेगी

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नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) चिकित्सा पेशेवरों पर हमले रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए आईएमए ने मंगलवार को एक आंतरिक पत्र में कहा कि वह सुरक्षा और अन्य संबंधित मामलों पर न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के साथ काम करेगी। साथ ही, उसने इस बात पर जोर दिया कि हिंसा पर केंद्रीय अधिनियम के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) नेतृत्व द्वारा संगठन के सभी राज्य अध्यक्षों एवं सचिवों तथा स्थानीय शाखा अध्यक्षों एवं सचिवों को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि हिंसा पर केंद्रीय कानून पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है और केंद्र इस संबंध में उचित निर्णय लेने में सक्षम है।

पत्र में कहा गया है, ‘‘हिंसा के खिलाफ एक केंद्रीय अधिनियम नीतिगत मामला है। आईएमए इस संबंध में एक अध्यादेश की मांग करता है।’’ पत्र में यह भी कहा गया है कि आईएमए मुख्यालय इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान का अध्ययन कर रहा है।

आईएमए मुख्यालय ने अपनी सभी स्थानीय शाखाओं को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र के सांसदों से मिलकर उन्हें 17 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपे गए ज्ञापन की एक प्रति सौंपें, जिसमें उनकी मांगों का उल्लेख है।

आईएमए की राज्य शाखाओं को भी अपने राज्यों में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) से संपर्क करने और परामर्श बैठक करने का निर्देश दिया गया है। आईएमए मुख्यालय ने भी इसी तरह की परामर्श बैठक का आह्वान किया है।

आईएमए ने शनिवार को प्रधानमंत्री से स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून लाने और अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने को लेकर ‘हस्तक्षेप’ करने की मांग की थी।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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