नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यह जानकारी मिलने के बाद दिल्ली सरकार और अन्य से जवाब मांगा है कि राजधानी के किशनगंज में एक व्यक्ति प्रतिदिन पांच लाख लीटर से अधिक भूजल अवैध रूप से निकाल रहा है।
एनजीटी एक पत्र याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक व्यक्ति वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए अवैध रूप से भूजल निकाल रहा है।
याचिका में दावा किया गया है, ‘‘यदि समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो इस बात की पूरी आशंका है कि क्षेत्र में भूजल नहीं बचेगा।’’
न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद की पीठ ने 13 मई को दिए गए आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया, इन दावों से पर्यावरण नियमों के उल्लंघन का पता चलता है।
इसके बाद एनजीटी ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सदस्य सचिवों, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के सीईओ, मध्य दिल्ली के जिलाधिकारी, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त और हेमंत उर्फ बिट्टू नाम के एक व्यक्ति से जवाब मांगा।
एनजीटी ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों द्वारा जवाब सुनवाई की अगली तारीख (21 मई) से पहले दाखिल किया जाना चाहिए।’’
पीठ ने तथ्यों की पुष्टि करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव की अगुवाई में एक समिति भी गठित की।
भाषा शफीक प्रशांत
प्रशांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.