नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उत्तर प्रदेश में मथुरा के ‘ताज ट्रैपेजियम जोन’ (टीटीजेड) में पेड़ों की अवैध कटाई के आरोपों की जांच के लिए सोमवार को पांच सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया।
इससे पहले, अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार गोस्वामी ने टीटीजेड के तहत आने वाले, मथुरा में डालमिया फार्म्स छटीकरा वृंदावन मार्ग पर 18 और 19 सितंबर की रात 454 से अधिक पेड़ अवैध रूप से काटे जाने को लेकर अधिकरण से संज्ञान लेने का अनुरोध किया था।
सोमवार को, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने मौके का दौरा कर विषय की जांच के लिए पांच सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया और उसे दो महीने के अंदर एक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने बताया कि समिति के सदस्य केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय और राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय वन सर्वेक्षण के निदेशक तथा मथुरा के जिलाधिकारी (समन्वय के लिए नोडल अधिकारी) होंगे।
अधिकरण में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल और अफरोज अहमद भी शामिल हैं।
गोस्वामी ने बताया कि अधिकरण ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर गौर किया कि ‘‘पेड़ों को काटने वाले रियल एस्टेट एजेंट और स्थानीय अधिकारियों के बीच मिलीभगत है।’’
अधिकरण ने विषय पर आगे की कार्यवाही के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि ‘‘वनों की कटाई के जघन्य कृत्य के कारण सैकड़ों सांप, मोर और कछुए मारे गए।’’ इसमें कहा गया है कि इन जीवों को ‘‘वनों की कटाई के दौरान निर्दयतापूर्वक मार दिया गया।’’
भाषा
सुभाष माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.