नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के एक 19 वर्षीय छात्र को राष्ट्रीय राजधानी के एक जाने-माने स्कूल की दर्जनों छात्राओं और टीचर की ऑनलाइन स्टाकिंग और उन्हें प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने कहा कि आरोपी महावीर कुमार ने स्कूल की करीब 50 नाबालिगों और वयस्कों—स्टूडेंट और टीचर दोनों—को स्टाक किया और फिर उन्हें ब्लैकमेल किया. उसने तस्वीरों से छेड़छाड़ करके तैयार की गई उनकी न्यूड फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी थीं.
उसने कथित तौर पर इन पीड़ितों के दोस्तों को भी शिकार बनाया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह इन छात्राओं और टीचर को शिकार बनाने के उद्देश्य से कॉल और टेक्स्ट मैसेज करने के लिए फर्जी फोन नंबरों का इस्तेमाल करता था और इंस्टाग्राम पर भी फर्जी प्रोफाइल बना रखी थीं. वह इन पीड़ितों के उत्पीड़न के लिए स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप और ऑनलाइन कक्षाओं में भी शामिल होता था.
इस मामले में करीब दो महीने चली लंबी जांच के बाद महावीर कुमार को गुरुवार को उसके पटना स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया. उसके फोन पर अश्लील तस्वीरें और वीडियो मिले हैं.
यह कार्रवाई इस साल अगस्त में दिल्ली के सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर हुई है.
पुलिस उपायुक्त (उत्तर), सागर सिंह कलसी ने दिप्रिंट को बताया, ‘शिकायतकर्ता स्कूल प्रबंधक ने आरोप लगाया कि एक ऑनलाइन स्टाकर स्कूल की नाबालिग लड़कियों की साइबर स्टाकिंग कर रहा है और स्कूल टीचर को भी व्हाट्सएप मैसेज और कॉल कर रहा है.’
शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था और इसमें यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धाराएं लगाई गई थीं.
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क्या थी मॉडस ऑपरेंडी
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने पीड़ित छात्राओं और उनके माता-पिता से पूछताछ की और 33 व्हाट्सएप नंबर, पांच इंस्टाग्राम अकाउंट और कई फोन नंबरों की जांच की. व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फर्जी ई-मेल आईडी के आईपी लॉग का गहन विश्लेषण किया गया.
सूत्रों ने बताया कि इंजीनियरिंग छात्र ने इन पीड़ितों से संपर्क के लिए हाई-टेक ऐप और फर्जी कॉलर आईडी का इस्तेमाल किया था.
वह तीन साल पहले स्कूल की एक छात्रा के संपर्क में आया था और फिर उसने इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये उससे और उसके दोस्तों से संपर्क बनाना शुरू कर दिया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वह बहुत ज्यादा टेक-सेवी है और ऑनलाइन एप्स के बारे में उसकी जबर्दस्त जानकारी ने उसे जाली फोन नंबर हासिल करने में सक्षम बनाया. उसने अंतरराष्ट्रीय नंबरों से पीड़ितों को कॉल किया और तमाम वर्चुअल नंबर बनाकर उनके अपने नंबरों से मैसेज भेजे. उसने इन्हीं फर्जी फोन नंबरों से टीचर को भी फोन किया.’
महावीर कुमार ने कथित तौर पर पीड़ितों से संपर्क के लिए आवाज बदलने वाले एप्स का भी इस्तेमाल किया और मॉर्फ्ड न्यूड तस्वीरें बनाईं और उन्हें फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर अपलोड कर दिया.
अधिकारी ने बताया, ‘आरोपी के मोबाइल फोन में कई अश्लील वीडियो और तस्वीरें भी मिली हैं.’
पुलिस का कहना है कि आरोपी महावीर बिना एडमिन की मंजूरी के स्कूल की ऑनलाइन क्लास और वॉट्सऐप ग्रुप में भी शामिल हो जाता था. अधिकारी ने कहा, ‘उसने पीड़ित छात्राओं को ऑनलाइन कक्षाओं के लिंक प्रदान करने के लिए ब्लैकमेल किया.’
डीसीपी कलसी ने कहा कि तकनीकी जांच से यह भी पता चला है कि महावीर कुमार ने तीन साल पहले ‘पीड़ितों में से एक छात्रा से संपर्क करने’ के लिए एक नंबर का इस्तेमाल किया था और तब से उसे परेशान कर रहा था. उन्होंने कहा, ‘हम जांच कर रहे हैं कि क्या उसने अन्य स्कूलों और कालेजों के छात्रों और शिक्षकों के साथ भी ऐसा कुछ किया है. मामले की जांच जारी है.’
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