लखनऊ/कानपुर : आईआईटी कानपुर की स्टूडेंट ई-मैगजीन ‘वाॅक्स पाॅपुली’ को अपनी वेबसाइट से एक लेख हटाना पड़ा. इस लेख का शीर्षक था-‘Dont communalize the peaceful gathering at IIT kanpur’ (शांतिपूर्ण प्रदर्शन को सांप्रदायिक न बनाएं). ऐसा संस्थान द्वारा बनाई गई जांच कमेटी के सुझाव पर करना पड़ा. नागरिकता संशोधन बिल (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले जामिया और एएमयू छात्रों का समर्थन करने के लिए आईआईटी कानपुर ने एक मार्च निकाला था जिसके बाद ये पूरा विवाद शुरू हुआ.
A high-level enquiry committee had been set up by the director to investigate the complaints against the student march…
Vox Populi, IIT Kanpur यांनी वर पोस्ट केले गुरुवार, २६ डिसेंबर, २०१९
दरअसल बीते 17 दिसंबर को जामिया व एएमयू के छात्रों के समर्थन में कुछ आईआईटी कानपुर के स्टूडेंट्स ने शांति मार्च निकाला था जिसके बाद वहां के शिक्षक वशी मंत शर्मा व कुछ स्टूडेंट्स ने आपत्ति जताते हुए डायरेक्टर से शिकायत की इस मार्च के दौरान ऐसे शब्द इस्तेमाल किए गए जिससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. इसके जवाब में मार्च निकालने वाले स्टूडेंट्स इस दौरान कवि व शायर फैज़ अहमद फैज़ की नज़्म गाई थी जिसके शब्द थे- ‘ताज उछाले जाएंगे, सब तख़्त गिराए जाएंगे बस नाम रहेगा अल्लाह का जो ग़ाएब भी है हाज़िर भी.’
इसके बाद डायरेक्टर की ओर से शिक्षकों की जांच कमेटी बनाई गई थी. आईआईटी कानपुर की स्टूडेंट ई-मैगजीन ने इस पूरे मामले में मार्च निकालने वाले छात्रों का पक्ष रखते हुए Dont communalize the peaceful gathering at आईआईटी कानपुर शीर्षक का एक लेख लिखा जिसमें बताया गया कि मार्च के वक्त ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे. फिर मामला बढ़ता देख गुरुवार शाम को कमेटी की ओर से Vox populi को ये लेख हटाने को कहा गया.
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शुक्रवार को दिप्रिंट से बातचीत में आईआईटी कानपुर के डेप्युटी डाॅ. मणींद्र अग्रवाल ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि कैंपस का माहौल ठीक रखने के लिहाज से स्टूडेंट मैगजीन Vox populi को लेख हटाने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि दोनों गुटों (मार्च करने वाले व शिकायतकर्ता) में संघर्ष लगातार बढ़ रहा था. सोशल मीडिया पर कुछ छात्र एक दूसरे के खिलाफ लिख रहे थे. डाॅ मणींद्र ने कहा, ‘हम पूरी तरह से डेमोक्रेटिक राइट्स के पक्षधर हैं. शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट करना सबका हक है लेकिन कैंपस में बढ़ते तनाव के कारण कई बार सख्त फैसले लेने पड़ते हैं.
ममता बनर्जी ने भी दिया था समर्थन
सीएए के खिलाफ प्रोटेस्ट करने वाले जामिया व एएमयू के समर्थन में आईआईटी कानपुर के छात्रों के इस स्टैंड को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन मिला था. बनर्जी ने फेसबुक पेज पर न केवल छात्रों का समर्थन किया बल्कि संस्थान द्वारा बैठाई गई उच्चस्तरीय जांच पर भी खेद जताया है. उन्होंने साफ तौर पर लिखा है कि वह आईआईटी कानपुर के छात्रों के साथ हैं. ममता ने लिखा है कि सीएए और एनआरसी को लेकर एएमयू और जामिया छात्रों के प्रति एकजुटता प्रकट करने पर आईआईटी कानपुर के छात्रों के साथ जो हो रहा है उससे मैं बेहद दुखी और चिंतित हूं.’ उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है.
Sad and deeply concerned to know about what is happening with the students of IIT Kanpur who expressed solidarity with…
Mamata Banerjee यांनी वर पोस्ट केले मंगळवार, २४ डिसेंबर, २०१९
पहली बार हटा पोस्ट
Vox Populi मैगजीन पिछले लगभग तीन साल से आईआईटी कानपुर में चल रही है. कैंपस से जुड़े तमाम मुद्दों पर इस मैगजीन में लेख छपते हैं. मैगजीन के आधिकारिक पेज पर इस बात की जानकारी दी गई है कि ये पहली बार मैगजीन के इतिहास में हो रहा है कि जब कोई लेख हटाना पड़ा हो. आज तक मैगजीन के एडिटोरियल टीम ने कभी कोई लेख पब्लिश करने के बाद अपनी वेबसाइट से नहीं हटाया.
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स्टूडेंट्स का कहना है कि मार्च के दौरान किसी भी तरह के आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया. जो नज़्म गाई गई उसका शीर्षक था- ‘हम देखेंगे’. जो कि मशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ की है. सत्ता को चुनौती देने के लिहाज़ से इसे गाया जाता है.
इसके शब्द हैं.
सब ताज उछाले जाएँगे
सब तख़्त गिराए जाएँगे
बस नाम रहेगा अल्लाह का
जो ग़ाएब भी है हाज़िर भी
जो मंज़र भी है नाज़िर भी
उट्ठेगा अनल-हक़ का नारा
जो मैं भी हूं और तुम भी हो
और राज करेगी ख़ल्क़-ए-ख़ुदा
जो मैं भी हूं और तुम भी हो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें इस नज़्म को गाते वक्त छात्रों का एक समूह ‘बस नाम रहेगा अल्लाह का’ गाते हैं तो वहां मौजूद कुछ छात्र व एक शिक्षक को आपत्ति होती है. व शोर मचाने लग जाते हैं.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो काफी साझा किया गया.
A faculty at IIT Kanpur has submitted this video and a complaint to director, alleging anti-India & communal statements made at a recent event held in 'solidarity with Jamia' & that event held without permission.
"When All Idols Will Be Removed…
Only Allah’s Name Will Remain" pic.twitter.com/fbmNFwVBiw— Swati Goel Sharma (@swati_gs) December 21, 2019
इसके बाद आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर अभय करांदिकर का कहना था कि संस्थान ऐसे किसी भी प्रोटेस्ट की इजाजत नहीं देता. इस प्रोटेस्ट की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है.
Institute never permitted any such protest/march etc. DD & Dean advised students against such activity. A high-level committee with the power to take disciplinary action has been constituted based on complaints received. @IITKanpur system does not tolerate any indiscipline. https://t.co/zwpRBrRlgM
— Abhay Karandikar (@karandi65) December 21, 2019
डिप्टी डायरेक्टर मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि कमेटी ने जांच करने के बाद कुछ आपत्तिजनक तो नहीं पाया लेकिन कैंपस में तनाव न बढ़े इसलिए स्टूडेंट मैगजीन के लेख को हटा दिया है.