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Thursday, 25 April, 2024
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सीएए प्रदर्शन: बीएचयू के 18 छात्रों की रिहाई के लिए कैंपेन शुरू, छात्र ने दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने से किया मना

जेल गए 69 लोगों में शामिल बीएचयू के छात्रों के लिए बाकि छात्रों ने रिहाई के लिए सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है.

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लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार चल रहे प्रदर्शन को बीएचयू के भी तमाम छात्रों का समर्थन मिला है. मंगलवार को छात्रों ने दीक्षांत समारोह के दौरान दीक्षांत की ड्रेस में सीएए का विरोध किया और अपने साथियों को रिहा करने की मांग की. दरअसल बीते गुरुवार को बनारस में सीएए के प्रदर्शन के दौरान अराजक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इनमें से चार लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया और शेष 69 को जेल भेज दिया गया. गिरफ्तार लोगों में 18 छात्र बीएचयू के भी हैं जिनकी रिहाई के लिए छात्रों ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू कर दिया है.

मंच पर डिग्री लेने से किया इंकार

बीएचयू के 101वें दीक्षांत में मंगलवार को हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स के छात्र रजत सिंह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) मामले में बनारस में हुई गिरफ्तारियों के विरोध में अपनी डिग्री लेने से मना कर दिया. इसके बाद तमाम अन्य छात्रों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया. रजत ने बताया कि वे अपने गिरफ्तार साथियों की रिहाई चाहते हैं. आरोप है कि बनारस में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे 70 लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया था. बनारस के प्रदर्शन में किसी भी प्रकार की कोई हिंसा नही हुई थी. इसके बावजूद पुलिस ने बीएचयू के छात्रों को डराने के लिए फर्जी मुकदमे लगाए हैं. ऐसे में इन सभी गिरफ्तार छात्रों के समर्थन में एमए इतिहास के छात्र रजत ने मंच पर पहुंच कर डिग्री से लेने से इंकार कर दिया.


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बीएचयू के गिरफ्तार 18 छात्रों की रिहाई के लिए कैंपेन करते छात्र.

गंभीर धाराओं में छात्रों पर मुकदमे

बीएचयू के छात्र विकास सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि 19 दिसंबर को बीएचयू, आईआईटी बीएचयू, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय सहति तमाम कालेजों के छात्रों ने सीएए व एनआरसी का विरोध किया था. इसमें कुल 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं लेकिन इसमें छात्रों की तादात ज्यादा है. ऐसे भी कई छात्र इन दिनों जिला जेल में बंद हैं जिन्हें सोमवार को बीएचयू के दीक्षांत समारोह में भाग लेना था. उन पर तोड़फोड़, सरकारी आदेश की अवेहलना समेत तमाम मामलों में केस दर्ज किया गया है.

विकास ने बताया कि सोशल मीडिया पर हैशटैग #ReleaseBHUstudents चलाया जा रहा है और तमाम लोगों से छात्रों को छुड़वाने की अपील की है. सीएए-एनआरसी के विरोध में गिरफ्तार छात्रों व सामाजिक कार्यकर्ताओं से  कांग्रेसी जेल में मिलने पहुंचे. इन सभी गिरफ्तार लोगों से मिल कर उनका हाल जानने के बाद कांग्रेसियों का प्रतिनिधिमंडल बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचा, जहां बजरडीहा कांड में घायल लोगों का इलाज चल रहा है.

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यूनिवर्सिटी प्रशासन कर रहा इंकार

दिप्रिंट से बातचीत में बीएचयू के पीआरओ राजेश सिंह ने किसी भी बीएचयू छात्र की गिरफ्तारी की जानकारी से इंकार किया है. उनका कहना है कि कैंपस के अंदर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. कैंपस के बाहर क्या हुआ इसकी उन्हें जानकारी भी नहीं.


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पुलिस ने जारी किए पोस्टर

सीएए के विरोध के नाम पर कानून का उल्लंघन करना व बवाल करने वालों पर पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. वाराणसी में 24 आरोपियों के पोस्टर शहर में लगाये गये हैं. पुलिस प्रशासन ने इन लोगों की सूचना देने वालों को इनाम देने की बात कही है. इनका नाम गोपनीय रखा जायेगा.

एसपी सिटी दिनेश सिंह ने मीडिया को बताया कि 19 व 20 दिसम्बर को बजरडीहा, कैंट व दशाश्वमेध में हुई घटना को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था वीडियो फुटेज व फोटो जुटाये जा रहे हैं. इसमें कुछ लोगों की पहचान हो चुकी है, जिनकी पहचान नहीं हो पायी है उनके पोस्टर जारी किये गये हैं. लोगों से अपील की गयी है कि उनकी पहचान बताएं. जो भी दोषी होंगे पकड़े जाएंगे.

बता दें कि बनारस के बजरडीहा में पथराव व लाठीचार्ज को छोड़ दिया जाये तो अन्य कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया था. इसके बावजूद भी कई छात्रों की गिरफ्तारी की गई. डीएम कौशल राज शर्मा से इस विषय पर दिप्रिंट ने बात करने की कोशिश लेकिन वह बात करने के लिए उपलब्ध नहीं थे.

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