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Sunday, 24 November, 2024
होमदेशआईआईटी-दिल्ली के छात्र की आत्महत्या से मौत, पुलिस को संदेह- दोस्त की मौत से डिप्रेशन में था

आईआईटी-दिल्ली के छात्र की आत्महत्या से मौत, पुलिस को संदेह- दोस्त की मौत से डिप्रेशन में था

20 वर्षीय युवक मंगलवार देर रात शाहदरा स्थित अपने घर पर मृत पाया गया. पुलिस का कहना है कि वह आईआईटी-दिल्ली के अधिकारियों से संपर्क में है.

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नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के एक 20 वर्षीय छात्र की शाहदरा स्थित अपने घर पर आत्महत्या से मौत हो गई, पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस साल आईआईटी-दिल्ली के किसी छात्र की आत्महत्या से मौत का यह तीसरा मामला है.

टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल कर रहे बीटेक छात्र के परिवार में उसके माता-पिता और एक छोटा भाई है. आईआईटी-दिल्ली के अधिकारियों के अनुसार, वह विंध्याचल छात्रावास के निवासी थे और उन्होंने पिछले साल छात्रावास की बास्केटबॉल टीम के कल्चरल सेक्रेटरी और वाइस केप्टन के रूप में भी काम किया था.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, “मंगलवार देर रात परिवार के सदस्यों ने छात्र को उसके घर पर मृत पाया. हमने जांच कार्यवाही शुरू कर दी है और आईआईटी-दिल्ली के अधिकारियों के संपर्क में हैं.”

पता चला है कि पुलिस को अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रथम दृष्टया जांच से पता चलता है कि छात्र सितंबर में अपने दोस्त की आत्महत्या के बाद से डिप्रेशन में था.

उन्होंने बताया कि उनके परिवार को उनकी स्थिति के बारे में पता था.

इस साल सितंबर में, अनिल कुमार (20) ने आईआईटी-दिल्ली में अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली थी. कुमार गणित और कंप्यूटिंग में बीटेक कर रहे थे और कथित तौर पर दबाव में थे क्योंकि वह अपनी डिग्री हासिल करने के लिए अपने क्रेडिट पूरे नहीं कर पा रहे थे. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्हें परीक्षा पास करने के लिए एक्सटेंशन दिया गया था.

इससे पहले, जुलाई में, एक अन्य छात्र, आयुष आशना – जो आईआईटी-दिल्ली में गणित और कंप्यूटिंग में बीटेक कर रहा था – की आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी.

कुमार और आशना दोनों अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से थे. उनकी मृत्यु के समय, पुलिस ने कहा था कि आशना उनके शैक्षणिक प्रदर्शन से परेशान थी.

शिक्षा राज्य मंत्री (एमओएस) सुभाष सरकार ने इस साल की शुरुआत में संसद को बताया था कि विभिन्न आईआईटी के 33, विभिन्न राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) के 24 और 2018 से अब तक भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के चार छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है.

यदि आप आत्महत्या या डिप्रेशन महसूस कर रहे हैं, तो कृपया अपने राज्य के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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