नई दिल्ली: झारखंड की राजधानी रांची में हुए एक फुटबाल मैच में 20 साल से लेकर 36 साल की कामकाजी महिलाओं का खेलना आम बात नहीं है. अपने-अपने घरों से निकलकर ये महिलाएं खेलने के लिए मैदान में उतरती हैं. कोई ईंट ढोता है तो कोई दूसरों के घरों में बर्तन मांजती है.
15 अक्टूबर को दिप्रिंट में छपी इस कहानी पर झारखंड से स्वतंत्र पत्रकार आनंद दत्ता को भारतीय जनसंचार संस्थान एल्यूमनाई असोसिएशन की तरफ से खेल पत्रकारिता श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है.
पुरस्कार मिलने के बाद आनंत दत्ता ने कहा, ‘ये अवार्ड मुझे नहीं, उस स्टोरी को मिला है. यहां बेस्ट रिपोर्ट का चयन किया गया है. इससे झारखंड की उन महिला फुटबॉल खिलाड़ियों के जज्बे को और बल मिला है. अपने संस्थान दिप्रिंट का शुक्रिया जो उन्होंने इस स्टोरी को जगह दी.’
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आईआईएमसीएएए एक एल्यूमनाई संगठन है जो पत्रकारिता के सबसे बड़े संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ चुके छात्रों के लिए बनाया गया है. इसके तहत साल में एक बार कार्यक्रम किया जाता है और पत्रकारिता के क्षेत्र में अच्छा काम करने वालों को अलग-अलग श्रेणियों के तहत पुरस्कार दिए जाते हैं. विभिन्न श्रेणियों में राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, रिपोर्टिंग, मनोरंजन, कृषि जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
2020 में दिप्रिंट के लिए लिखने वाले दो स्वतंत्र पत्रकारों को पुरस्कृत किया गया.
दिप्रिंट में 27 जनवरी 2019 को लिखी एक कहानी के लिए दिवास गहातराज को भी पुरस्कृत किया गया है. इस कहानी में सिक्किम कैसे भारत की सुसाइड कैपिटल बनती जा रही है इसके बारे में बताया गया है.
बढ़ती अर्थव्यवस्था के बावजूद सिक्किम भारत का ऐसा राज्य हैं जहां सबसे ज्यादा लोग सुसाइड करते हैं. इसके बाद दूसरे स्थान पर पुडुचेरी की बारी आती है.
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इस दौरान 27 छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी गई.