जम्मू, आठ अप्रैल (भाषा) भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (आईआईआईएम) जम्मू ने आयुष के तहत ‘ब्रोन्कियल अस्थमा’ के उपचार के लिए ‘पॉली-हर्बल फॉर्मूलेशन’ के ‘प्री-क्लिनिकल’ प्रमाणन के लिहाज से सोमवार को केरल स्थित पंकजकस्तूरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
आईआईआईएम के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रायोजित अनुसंधान परियोजना के लिए समझौते पर सीएसआईआर-आईआईआईएम के डॉ. ज़बीर अहमद और पंकजकस्तूरी के डॉ. जे. हरींद्रन नायर ने दोनों संगठनों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सहयोग आयुष तंत्र के तहत ‘ब्रोन्कियल’ अस्थमा के प्रबंधन के लिए तैयार किए गए एक ‘पॉली-हर्बल फॉर्मूलेशन’ के ‘प्री-क्लीनिकल’ सत्यापन पर केंद्रित है।’’
उन्होंने कहा कि परियोजना के एक भाग के रूप में सीएसआईआर-आईआईआईएम द्वारा ‘फाइटोकेमिकल’ मानकीकरण, इन-विट्रो और इन-विवो अध्ययन तथा हर्बल फॉर्मूलेशन का विषाक्तता आकलन किया जाएगा।
डॉ. अहमद ने इस साझेदारी को आयुष उत्पादों को वैज्ञानिक रूप से मान्य बनाने की दिशा में एक ‘अभूतपूर्व कदम’ बताया और कहा कि इस परियोजना को आयुष मंत्रालय एवं भारत सरकार का समर्थन प्राप्त है।
डॉ. नायर ने कहा कि सीएसआईआर-आईआईआईएम के साथ सहयोग से उनके उत्पादों में लोगों का भरोसा बढ़ेगा। पंकजकस्तूरी के कार्यकारी निदेशक किशन चंद ने सीएसआईआर-आईआईआईएम के साथ हुई वैज्ञानिक चर्चाओं पर संतोष व्यक्त किया।
किशन चंद की टीम अनुसंधान का नेतृत्व करेगी।
भाषा यासिर वैभव
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