छत्रपति संभाजीनगर, तीन मई (भाषा) महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने शनिवार को अजित पवार के नेतृत्व वाले वित्त विभाग पर ‘‘मनमानी’’ करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी (शिरसाट) जानकारी के बिना उनके विभाग के धन का ‘‘अवैध’’ तरीके से दुरुपयोग किया गया है।
मंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय विभाग को आवंटित धन का दूसरे मद में उपयोग करने से बेहतर है कि सरकार को इसे (विभाग को) बंद कर देना चाहिए।
शिरसाट का यह आक्रोशित रुख भाजपा नीत महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
शिरसाट ने छत्रपति संभाजीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने मुझे अंधेरे में रखकर पहले (बजट के दौरान) मेरे विभाग की 7,000 करोड़ रुपये की राशि विवर्तित कर दी। अगर सरकार नहीं चाहती कि सामाजिक न्याय विभाग काम करे या वे पैसा खर्च नहीं करना चाहते तो उन्हें इस विभाग को बंद कर देना चाहिए। इसे अन्याय कहें या कुछ और। मुझे इसके पीछे का कारण नहीं पता।’’
शिरसाट सामाजिक न्याय विभाग को दिए गए 413.30 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग से नाराज हैं।
शिवसेना विधायक ने कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से धन का दुरुपयोग करना वैध नहीं है। वित्त विभाग की यह मनमानी गलत है। उनकी यह हरकत गलत है। मैं इसका विरोध करता हूं।’’
शिरसाट ने वित्त विभाग पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सहन करने की भी एक सीमा होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह एक बार में ही सभी कोष क्यों नहीं खत्म कर देते हैं? छात्रों को छात्रवृत्ति और छात्रावास की क्या जरूरत है? उन्हें (पिछड़े समुदायों को) मुख्यधारा में लाने की क्या जरूरत है? सामाजिक न्याय विभाग न हो तो भी चलेगा।’’
भाषा प्रीति पवनेश
पवनेश
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