कोझिकोड (केरल), 18 अगस्त (भाषा) इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के वरिष्ठ नेता एम के मुनीर ने बृहस्पतिवार को केरल सरकार की लैंगिक तटस्थता नीति के खिलाफ दावा किया कि इससे नाबालिग लड़कों का यौन शोषण होगा। उन्होंने लड़कों के यौन शोषण के मामले में पॉक्सो लगाने की जरूरत पर भी सवाल उठाया।
आईयूएमएल के विधायक ने यह विवादित टिप्पणी केरल अरबी शिक्षक संघ (केएटीएफ) द्वारा यहां आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान की। अपने भाषण के दौरान, मुनीर ने सवाल किया कि किसी लड़के का यौन शोषण होने पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला क्यों शुरू किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर लिंग तटस्थता है, तो आपको पॉक्सो मामले की आवश्यकता क्यों है? इसलिए, जब आप लिंग तटस्थता कहते हैं, तो आपको समाज में ऐसे कई लोगों के बारे में सोचने की ज़रूरत है जो इसका दुरुपयोग करेंगे।’’
मुनीर ने कहा, ‘‘हमें यह भी विचार करने की आवश्यकता है कि कितने लड़के यौन उत्पीड़न का शिकार हो सकते हैं। जब स्कूलों में लैंगिक तटस्थता की नीति इतनी जल्दी लाई गई और इसे शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाया जा रहा था, तब भी इस बारे में जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया।’’
बाद में, मीडिया से बात करते हुए मुनीर ने स्पष्ट किया कि उनके कहने का मतलब यह था कि उन्हें डर है कि लिंग तटस्थता को इस तरह से परिभाषित किया जाएगा कि पॉक्सो के प्रावधान निष्प्रभावी हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पॉक्सो को निष्प्रभावी नहीं बनाया जाना चाहिए।’’
आईयूएमएल विधायक ने आगे कहा कि ऐसी दुनिया में जहां हर चीज की गलत व्याख्या की जा रही है या किसी की जरूरतों के अनुरूप व्याख्या की जा रही है, उन्हें डर है कि हर चीज को लैंगिक तटस्थता की परिभाषा में लाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हर चीज को लैंगिक तटस्थता की परिभाषा में लाकर, वास्तविक अपराधी (लड़कों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में) पॉक्सो के प्रावधानों के दायरे से बच जाएंगे। फिर, क्या पॉक्सो कानून निष्प्रभावी नहीं हो जाएगा? यही सवाल है।’’
कार्यक्रम में अपने भाषण में मुनीर ने कहा कि केवल केरल में ही नहीं, बल्कि लैंगिक तटस्थता का दुनिया भर में विरोध किया गया और पूछा कि क्या स्कूल की पोशाक में बदलाव से महिलाओं या लड़कियों के मुद्दों का समाधान हो जाएगा।
उन्होंने भाषण में कहा, ‘‘अगर लड़कियां पैंट और शर्ट पहनती हैं, तो क्या उन्हें न्याय मिल जाएगा? क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि उनका कोई शोषण या यौन उत्पीड़न नहीं होगा?
मुनीर ने 31 जुलाई को एक कार्यक्रम में आरोप लगाया था कि लैंगिक तटस्थता के नाम पर राज्य सरकार स्कूलों में धर्म को नकारने का प्रयास कर रही है। केरल में लगभग एक दर्जन स्कूल पहले ही लिंग-तटस्थ पोशाक की नीति को अपना चुके हैं।
भाषा आशीष पवनेश
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