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बुधवार, 4 जून, 2025
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यदि दर्शक किरदार के मूल को समझ लें तो कलाकार की सराहना होती है : आशुतोष राणा

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कोलकाता, चार जून (भाषा) लोकप्रिय अभिनेता आशुतोष राणा का कहना है कि जब रंगमंच के दर्शक किसी किरदार के मूल को समझ जाते हैं तो स्वाभाविक रूप से कलाकार की सराहना होती है।

राणा ने यह भी सुझाव दिया कि दर्शक कला से तब भी जुड़ते हैं जब वे किसी पात्र से प्रेम करने की बजाय उससे घृणा करते हैं। राणा ने ज्यादातर फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं निभाई हैं, जिससे उन्हें काफी लोकप्रियता मिली है।

आशुतोष राणा इन दिनों रामायण पर आधारित नाटक ‘हमारे राम’ में रावण की भूमिका निभा रहे हैं। इस नाटक का मंचन देश के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है।

आशुतोष राणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर एक साक्षात्कार में रंगमंच के दर्शकों को लेकर कहा, ‘‘ जब वे किसी पात्र के मूल को समझते हैं और उसमें दर्शाई गई कला की सराहना करते हैं तो स्वाभाविक रूप से कलाकार की सराहना होती है। मेरे लिए, सबसे बड़ा पुरस्कार दर्शकों का प्यार या नफरत पाना नहीं है – यह दर्शकों द्वारा कला को पहचानना और उसका मूल्यांकन करना है।’’

उन्होंने कहा कि रंगमंच के शौकीन लोग ‘हमारे राम’ को बार-बार देख रहे हैं, कुछ तो इस नाटक को 20 बार भी देख रहे हैं।

कोलकाता में इस नाटक के मंचन के लिए आए राणा ने कहा, ‘‘दर्शकों से हमें जो प्रतिक्रिया मिली, वह प्रस्तुति और कलात्मक योग्यता के प्रति प्रशंसा को रेखांकित करती है। ’’

अभिनेता ने कहा कि ‘हमारे राम’ की सफलता रंगमंच के खचाखच भरे सभागारों से स्पष्ट है और यह कहानी तथा कलाकारों की दिलों को छूने एवं बार-बार दर्शकों को आकर्षित करने की क्षमता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कोलकाता के दर्शकों ने हमेशा समृद्ध विषय-वस्तु और दमदार प्रदर्शन का समर्थन किया है।’’

कोलकाता में सात और आठ जून को ‘हमारे राम’ नाटक का मंचन किया जाएगा।

भाषा रवि कांत रवि कांत माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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