(सुगंधा झा)
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालय अपने महाविद्यालय परिसरों में ‘भारत विरोधी अभियान’ को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर ‘भगवाकरण’ का मतलब देश की सेवा करना है तो डीयू इसके लिए तैयार है।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि विश्वविद्यालय में असहमति और बहस का स्वागत है लेकिन अनुशासनहीनता के किसी भी कृत्य के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के कथित भगवाकरण पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। यह प्रश्न विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों और छात्रों के एक वर्ग द्वारा संस्थान से संबद्ध महाविद्यालयों में हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा कार्यक्रम आयोजित का विरोध करने के संदर्भ में पूछा गया था।
सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आजादी के 75 साल बाद, अगर कोई महाविद्यालय हिंदू नव वर्ष या वर्ष प्रतिपदा का आयोजन कर रहा है, तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता क्योंकि महाविद्यालयों के समारोह आयोजित करने के अपने नियम और कानून हैं।’’
पिछले हफ्ते वाम दल से संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में आरएसएस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
काफी संख्या में छात्र महाविद्यालय के मुख्यद्वार पर एकत्र हुए थे और इसके मैदान में ‘वर्ष प्रतिपदा’ (हिंदू नव वर्ष) मनाने के लिए आरएसएस की ओर से आयोजित कार्यक्रम का विरोध किया था।
कुलपति ने कहा, ‘‘अगर देश के लिए कुछ भी करना भगवाकरण है, तो हम इसके लिए तैयार हैं। लेकिन हम किसी भी रूप में भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक विशेष लोगों का देश है; यह हमारा राष्ट्र है, हमें इस राष्ट्र का निर्माण करना है। आप भिन्न हो सकते हैं या आपकी सोचने का तरीका अलग हो सकता है, जिसमें कोई समस्या नहीं है; हम ऐसे विषयों पर चर्चा और बहस कर सकते हैं। लेकिन यहां मुद्दा यह है कि हम किसी भी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
पक्षपात और वैचारिक झुकाव के आधार पर अयोग्य शिक्षकों की भर्ती के आरोपों पर सिंह ने कहा कि जिन शिक्षकों का चयन नहीं हुआ, उनकी ओर से शिकायतें आना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे विश्वविद्यालय में नियुक्त किसी अयोग्य शिक्षक का नाम बताएं तो हम उन्हें हटा देंगे।’’
भाषा धीरज माधव
माधव
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