छत्रपति संभाजीनगर, तीन जून (भाषा) महाराष्ट्र की पर्यावरण मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता पंकजा मुंडे ने मंगलवार को कहा कि अगर लोग उनके साथ हैं तो वह हर परेशानी का सामना करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने पांडवों के वनवास का जिक्र करते हुए कहा कि सही और सच्चे लोगों को अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पंकजा ने अपने पिता एवं भाजपा के दिग्गज नेता दिवगंत गोपीनाथ मुंडे की पुण्यतिथि पर उनके स्मारक गोपीनाथगढ़ में एक सभा को संबोधित करते हुए अपने राजनीतिक भाषण में कौरवों और पांडवों का भी उल्लेख किया।
इस मौके पर महीनों के राजनीतिक विवाद के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एवं पंकजा के चचेरे भाई धनंजय मुंडे पहली बार सार्वजनिक मंच पर देखे गए।
बीड सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में आरोपी वाल्मिक कराड के साथ धनंजय के संबंधों को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था जिसके बाद उन्हें मार्च में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा।
पंकजा ने कहा, ‘‘ सही और सच्चे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कौरवों और रावण को वनवास नहीं हुआ, लेकिन पांडवों को वनवास जाना पड़ा। अगर लोग मेरे साथ हैं तो मैं परेशानियों का सामना करने के लिए तैयार हूं।’’
पिता के निधन के बाद से अपने सफर के बारे में पंकजा ने कहा, ‘‘मैं पिछले 11 वर्षों से इस मंच से बोल रही हूं। जब गोपीनाथ मुंडे इस दुनिया से गए तो ऐसा लगा जैसे हम पर बिजली गिर गई हो।’’
महाभारत से एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘द्रौपदी पर जब संकट आया तो सभी से गुहार लगाई, लेकिन उसने शुरू में भगवान कृष्ण को आवाज नहीं लगाई। जब द्रौपदी ने उन्हें पुकारा तो वह मदद के लिए प्रकट हो गए। यहां तक कि भगवान भी हमें तब तक कुछ नहीं देते, जब तक हम खुद नहीं मांगते।’’
इस अवसर पर धनंजय ने कोई भाषण नहीं दिया।
भाषा
खारी नरेश
नरेश
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