बेंगलुरु: देवराजे गौड़ा का कहना है कि अगर मेरे बेटे ने कोई गलती की है तो उसे “फांसी” दी जानी चाहिए. बुधवार को लोकसभा में सुरक्षा संबंधी घटना को अंजाम देने के आरोप में हिरासत में लिए गए दो लोगों में से एक उनका बेटा मनोरंजन (34) भी था. सागर शर्मा नामक व्यक्ति के साथ, मनोरंजन दर्शक दीर्घा से संसद सदस्यों के बैठने की जगह में कूद गया, और पकड़े जाने से पहले उसने धुआं करने वाला एक यंत्र अंदर फेंक दिया.
यह घटना 2001 के संसद हमले की बाईसवीं बरसी पर हुई.
मनोरंजन जहां मैसूरु से हैं, वहीं सागर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से हैं. कथित तौर पर दोनों को मैसूरु के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय की सिफारिश पर आगंतुकों के पास दिए गए थे.
दिप्रिंट ने फोन के माध्यम से टिप्पणी के लिए प्रताप सिम्हा से संपर्क किया, लेकिन प्रकाशन के समय तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
बाद में दिन में मैसूरु में पत्रकारों से बात करते हुए, देवराजे गौड़ा ने कहा कि उनके बेटे की हरकतें “निंदनीय” थीं.
उन्होंने कहा, “उन्हें फांसी पर चढ़ा दें…अगर उसने कोई अन्याय किया है, तो वह मेरा बेटा नहीं है…चाहे वह कोई भी हो, चाहे आप हों या मैं, हमें समाज के लिए अच्छा करना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्हें पास कैसे मिला लेकिन हम सभी प्रताप सिम्हा के समर्थक हैं. हम एक-दूसरे के बहुत करीब हैं इसलिए मुझे नहीं पता कि उसने उनके जरिये पास हासिल की या फिर किसी अन्य तरीके से… मेरे पास कोई और जानकारी नहीं है.”
देवराजे गौड़ा ने यह भी कहा कि उनके बेटे ने हमेशा जो भी किया या करने की कोशिस की वह समाज के लिए अच्छा के लिए किया था. उन्होंने कहा, मनोरंजन किसी पार्टी से जुड़ा नहीं था, लेकिन उसने कई किताबें पढ़ीं, जिनमें अंग्रेजी लेखकों की किताबें भी शामिल थीं. “मुझे नहीं पता कि क्या उसने बहुत अधिक पढ़ लिया है या उसने जो किताबें पढ़ी हैं, यह सब उसका ही असर हैं.”
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना को “चौंकाने वाला और परेशान करने वाला” बताया.
उन्होंने बुधवार दोपहर जारी एक बयान में कहा, “संसद भवन पर हमला चौंकाने वाला और परेशान करने वाला है और मैं हिंसा के इस कृत्य की निंदा करता हूं. राहत की बात यह है कि सभी सांसद सुरक्षित हैं. कड़ी सुरक्षा के बावजूद ऐसी घटना का होना वाकई चौंकाने वाला है. यह स्पष्ट है कि यह सुरक्षा व्यवस्था में चूक है.”
सिद्धारमैया ने कहा कि 2001 का हमला तब हुआ जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार सत्ता में थी. उन्होंने कहा, “इससे देश की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े होते हैं.”
कांग्रेस नेता ने कहा, “रिपोर्टें सामने आ रही हैं कि आज संसद भवन पर हमला करने वाले युवाओं को मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा ने पास दिए थे. अगर ये खबरें सच हैं तो इसका मतलब ये है कि ये युवक सांसद के परिचित रहे होंगे. यदि वे परिचित नहीं थे तो अजनबियों को पास कैसे जारी कर दिए गए? यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लापरवाही के अनजाने कार्य भी कानून के तहत दंडनीय हैं.”
(संपादन: अलमिना खातून)
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