पिथौरागढ़, 17 अप्रैल (भाषा) असंतुष्ट कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने रविवार को भाजपा में शामिल होने की संभावना से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि अगर पार्टी उनकी ‘उपेक्षा’ करती रहेगी तो वह अगला विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ सकते हैं ।
धामी ने हाल में प्रदेश कांग्रेस में हुए सांगठनिक बदलाव पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि नियुक्तियों में उनकी अनदेखी की गयी और मेरिट का ध्यान नहीं रखा गया।
यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए धामी ने कहा कि अगर उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया गया, तो वह अगला विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ने को मजबूर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी द्वारा इसी तरह उपेक्षा की जाती रही तो धारचूला से वर्ष 2027 में अगला चुनाव उनको निर्दलीय के रूप में लड़ना पड़ेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की थी, धारचूला विधायक ने कहा कि उनकी इस संबंध में किसी से कोई बातचीत नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने केवल पार्टी द्वारा पूर्व में और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में की गयी अपनी अनदेखी को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं।’
धारचूला ब्लॉक के एक वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता आन सिंह रोकाया ने कहा कि धामी ने भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं को समाप्त कर दिया है जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए राहत की बात है। उन्होंने कहा कि पार्टी से अपना उचित हक लेने के धामी के संघर्ष में वह भी उनके साथ हैं।
पार्टी प्रदेश संगठन में बदलाव के बाद धामी ने पार्टी के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव की भी कड़ी आलोचना की थी। पिछले रविवार को पार्टी हाईकमान ने रानीखेत के पूर्व विधायक करण माहरा के अलावा चुनाव से पहले भाजपा छोडकर कांग्रेस में लौटे आर्य को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा में पटखनी देकर पहली बार विधायक बने भुवन चंद्र कापड़ी को विधानसभा में उपनेता नियुक्त किया था।
धामी ने नई नियुक्तियों में क्षेत्रीय असंतुलन और वर्षों से पार्टी का झंडा उठा रहे पुराने लोगों पर नए लोगों को तरजीह देने का आरोप लगाया था ।
भाषा सं दीप्ति दीप्ति संतोष
संतोष
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