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Friday, 22 November, 2024
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जम्मू-कश्मीर संकट से परेशान आईएएस अधिकारी का इस्तीफा, ट्विटर पर देशविरोधी के नाम से हो चुके हैं ट्रोल

2012 बैच के आईएएस अधिकारी जी कन्नान को पिछले साल केरल में आई बाढ़ के दौरान काम करने के लिए काफी सराहा गया था. अपने इस्तीफे पर कन्नान ने कहा कि ये उनका खुद का फैसला है.

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नई दिल्ली: पिछले साल केरल में आई बाढ़ के समय राहत कार्यों में मदद करने वाले 2012 बैच के आईएएस अधिकरी जी. कन्नान ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया. कन्नान ने केरल में आई बाढ़ के समय राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

दिप्रिंट से बात करते हुए एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी कन्नान ने कहा कि, ‘मैं इस सेवा से इसलिए जुड़ा क्योंकि मैं सोचता था कि मैं लोगों का आवाज़ बन पाउंगा. लेकिन मैंने पाया कि अब मेरी आवाज़ नहीं बची है.’

कन्नान ने अपनी सेवा के दौरान दादर नगर हवेली में ऊर्जा, शहरी विकास, कृषि विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. अपने इस्तीफे पर कन्नान ने कहा कि ये उनके अंतरात्मा की आवाज है. कन्नान ने कहा कि मैं अभी वरिष्ठ नहीं हूं कि मेरे इस्तीफे से कोई फर्क आ जाए.

‘मैं कोई गृह सचिव और वित्त सचिव नहीं हूं इसलिए मेरे इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’

कन्नान ने कहा कि, ‘ट्विटर ट्रोलर ने उनपर एंटी-नेशनल का लेबल लगा दिया गया है. लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.’
कन्नान ने चुनाव आयोग से लोकसभा चुनाव के दौरान उनपर राजनीतिक दबाव बनाने की शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि मोदी के दोबारा चुन के आने के बाद उन्हें शो कॉज़ नोटिस भी भेजा गया था.

कन्नान के इस्तीफे के बाद कार्मिक विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस्तीफा देना अधिकारी का अपना फैसला है. उन्होंने उनके इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया.

अभी तक कन्नान का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ औपचारिकता है, अभी तक शाह फैसल के इस्तीफे को भी मंजूर नहीं किया गया है.

अनुच्छेद-370 को हटाने के सरकार के फैसले से अचंभित हूं

कन्नान ने अपने इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया लेकिन आईएएस एसोसिएशन के सूत्र के अनुसार अनुच्छेद-370 हटने के बाद से ही वो परेशान थे.

कन्नान के एक दोस्त ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘वो कश्मीर के हालात पर काफी परेशान थे. जिस प्रकार से पिछले 18 दिनों से लोगों के अधिकारों को कश्मीर में प्रतिबंधित कर दिया गया है उससे वो काफी परेशान थे.’

कन्नान के एक सहयोगी ने बताया कि वो मानते हैं कि अगर लोगों के अधिकारों को इस प्रकार से प्रतिबंधित किया जाता है तो इसे आपातकाल कहा जाता है.

आईएएस एसोसिएशन के सूत्रों के अनुसार शाह फैसल के दिल्ली हवाई अड्डे से हिरासत में लिए जाने से भी कन्नान प्रभावित थे. वो अचंभित थे कि शाह फैसल को बिना किसी कारण के कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है.

केरल में बाढ़ के दौरान राहत कामों के लिए कन्नान को सराहा गया था

पिछले साल कन्नान ने केरल में बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच 8 दिनों तक अपनी पहचान छुपाकर काम किया था. इस काम के लिए उन्हें काफी सराहा भी गया था. रिपोर्ट के मुताबिक कन्नान ने कोच्चि शहर में बाढ़ पीड़ितों के लिए आए सामानों को ट्रक में चढ़ाने का भी काम किया था. जब उन्हें पहचान लिया गया तो वो शहर छोड़ के चले गए.

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल स्वरुप ने युवा अधिकारी के इस्तीफे पर ट्वीट कर के दुख जताया. उन्होंने लिखा कि हम सभी ऐसे युवा अधिकारियों पर गर्व करते हैं. एक आईएएस अधिकारी के तौर पर काम करते हुए वो लोगों के लिए काफी काम कर सकता था लेकिन उन्होंने अचानक इस्तीफा क्यों दिया ये पता नहीं?

( इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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