नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान ने कहा कि कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों के दर्द को दिखाती है लेकिन फिल्म निर्माताओं को देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुस्लिमों की हत्याओं पर भी फिल्म बनानी चाहिए.
खान ने कहा कि मुस्लिम कोई कीड़े-मकोड़े नहीं हैं बल्कि इंसान और इस देश के नागरिक हैं.
मध्य प्रदेश में कार्यरत आईएएस अधिकारी नियाज खान वर्तमान में लोकनिर्माण विभाग में उप-सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘समाज के हिंसक वर्ग जिसने सच्चाई न सुनने के लिए अपने कान बंद कर रखे हैं. यहां तक कि पढ़े-लिखे लोग भी सच्चाई बताने वाले लोगों को गाली देते हैं. खराब परवरिश और कट्टर सोच ने उनके दिमाग को लील लिया है. खराब भाषा इस्तेमाल करना उनके दिमाग को दिखाता है. ये बहुत दुखद है.’
There is a violent section of society who have blocked their ears to hear the truth.Even so called educated people use street level language to abuse the truth speaker.Bad upbringing and fundamentalists company have eaten up their mind. Using dirty language shows their minds. Sad
— Niyaz Khan (@saifasa) March 19, 2022
खान ने कहा, ‘अलग-अलग मौकों पर मुस्लिमों की हत्याओं पर एक किताब लिखने का विचार कर रहा हूं जिससे कोई निर्माता कश्मीर फाइल्स जैसी कोई फिल्म बना सके, ताकि अल्पसंख्यकों का दर्द और उनकी पीड़ा भारतीयों के सामने आ सके.’
Thinking to write a book to show the massacre of Muslims on different occasions so that a movie like Kashmir Files could be produced by some producer, so that, the pain and suffering of minorities could be brought before Indians
— Niyaz Khan (@saifasa) March 18, 2022
नियाज खान पहले भी कई मौकों पर चर्चा में रह चुके हैं. 2019 में उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि नाम के साथ खान लगे होने के कारण उन्हें अपनी नौकरी में बहुत कुछ भुगतना पड़ रहा है और यह सरनेम भूत की तरह उनका पीछा कर रहा है.
आईएएस अधिकारी नियाज खान अब तक 7 उपन्यास लिख चुके हैं और हाल ही में उन्होंने इराक में यजीदियों पर नई किताब बी रेडी टू डाई लिखी है.
विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी द कश्मीर फाइल्स को लेकर काफी विवाद हो रहा है. हालांकि भाजपा शासित कई राज्य सरकारों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है लेकिन कई इतिहासकारों का कहना है कि फिल्म में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है और वास्तविक घटना को गलत संदर्भ में पेश किया गया है.
द कश्मीर फाइल्स फिल्म की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में की थी जब विपक्षी दल के एक सांसद ने इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी.
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