नई दिल्ली: एक सप्ताह से अधिक समय से लापता राजस्थान के यूपीएससी उम्मीदवार का शव रहस्यमय परिस्थितियों में पुलिस ने शुक्रवार को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में एक पेड़ से लटका हुआ सड़ी-गली हालत में बरामद किया.
दीपक कुमार मीणा, जिन्हें आखिरी बार 11 सितंबर को देखा गया था, दौसा के रहने वाले थे. पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) जितेंद्र कुमार मीणा ने कहा, “उनका शव शुक्रवार (20 सितंबर) को दशहरा मैदान के पास एक जंगली इलाके में मिला.”
हालांकि, पुलिस को आत्महत्या का शक है, लेकिन शव के पास या मुखर्जी नगर में दीपक के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
दीपक के परिवार का आरोप है कि यह हत्या का मामला है. बुधवार को दिप्रिंट से बातचीत में परिवार के एक सदस्य ने कहा, “मुझे नहीं पता कि पुलिस किस आधार पर इसे आत्महत्या बता रही है. उसके पैर ज़मीन को छू रहे थे और कंधे पर शर्ट थी. कोचिंग इंस्टीट्यूट को एस्पिरेंट्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, लेकिन वो इसमें विफल रहे हैं.”
दीपक ने जयपुर में प्रीलिम्स एग्जाम पास किया था, लेकिन यूपीएससी मेंस एग्जाम की तैयारी के लिए वे दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर में पढ़ने के लिए दिल्ली चले गए. 22-वर्षीय दीपक जुलाई में शहर पहुंचे.
दीपक हर दिन पढ़ाई के बाद रात 8 बजे अपने परिवार को फोन करते थे. उन्होंने आखिरी बार 10 सितंबर को फोन किया था.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “जब उन्होंने 11 और 12 सितंबर को फोन नहीं किया और 13 तारीख को उनका फोन बंद हो गया, उसके बाद उनका परिवार उनकी तलाश में दिल्ली आया.”
परिवार उनके पीजी पहुंचा, जहां दीपक के रूममेट ने बताया कि उन्हें 11 सितंबर की सुबह 11 बजे से नहीं देखा गया है. मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
मंगलवार शाम को यूपीएससी एस्पिरेंट्स ने दीपक मीणा के लिए मुखर्जी नगर में कैंडल मार्च निकाला. उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘#JusticeForDeepakMeena’ के जरिए अपने साथी सिविल सेवा एस्पिरेंट्स के लिए न्याय की मांग की.
कैंडल मार्च में शामिल एक एस्पिरेंट ने बताया, “शव बहुत बुरी हालत में मिला. पुलिस कह रही है कि यह आत्महत्या है, लेकिन वे ऐसा क्यों करेगा? उनके दोस्तों का कहना है कि वो एक खुशमिजाज युवक था, जो कभी टेंशन में नहीं दिखता था. कोचिंग इंस्टीट्यूट ने अभी तक परिवार से संपर्क नहीं किया है.”
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आज़ाद ने राजस्थान के मूल निवासी दीपक के लिए न्याय की मांग की.
आज़ाद ने एक्स पर पोस्ट किया, “घटना बहुत दुखद है. मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मेरी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं. उन्हें इस दुख के पलों में संबल मिले. मैं मामले की गहन जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं.”
मंगलवार के कैंडल मार्च से पहले दृष्टि आईएएस ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि जैसे ही उन्हें दीपक के लापता होने की जानकारी मिली, अधिकारियों ने परिवार को सूचित किया और लाइब्रेरी से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराकर जांच में सक्रिय रूप से सहायता की.
कोचिंग इंस्टीट्यूट ने कहा, “दीपक कुमार मीणा ने अपने मेंटर्स को कभी भी किसी तरह के तनाव या दबाव के बारे में नहीं बताया. उनके मेंटर्स और दोस्तों के अनुसार, वो एक शांत और अंतर्मुखी छात्र था और दूसरों के साथ किसी भी तरह के विवाद या टकराव की संभावना बहुत कम थी.”
प्रेस बयान में कहा गया, “आखिरी उम्मीद यह थी कि दीपक 20 सितंबर से शुरू होने वाले मेंस एग्जाम के लिए अपने एग्जाम सेंटर पर आएगा. हालांकि, वो नहीं आया. फोन की आखिरी लोकेशन के आधार पर, शव बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रावास के पास झाड़ियों में मिला.”
(यदि आप आत्महत्या या डिप्रेशन जैसा महसूस कर रहे हैं, तो कृपया अपने राज्य में हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें.)
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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