कोलकाता, 15 दिसंबर (भाषा) नवोदित फिल्म निर्माता शोनेट एंथोनी बैरेटो अपनी हिंदी फिल्म ‘अवनी की किस्मत’ को विशेष रूप से स्कूली बच्चों और युवाओं के लिए प्रदर्शित करना चाहती हैं।
बैरेटो ने 29वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय भाषा फिल्म श्रेणी में इस फिल्म के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ निर्देशक’ का पुरस्कार जीता।
निर्माता/निर्देशक ने कहा कि इंसानों को खुद को महाशक्ति समझना बंद कर देना चाहिए और जानवरों को उनका उचित स्थान देना चाहिए।
उन्होंने हाल ही में यहां कहा, ‘बच्चे और युवा हमारे देश का भविष्य हैं। मैं स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए फिल्म प्रदर्शित करना चाहती हूं।’
अवनि, पंढरकावड़ा की मायावी ‘आदमखोर’ बाघिन है, जिसकी 2018 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बैरेटो की फिल्म इसी कहानी पर आधारित है।
इस फिल्म ने महाराष्ट्र में 13 लोगों की हत्या की आरोपी बाघिन को गोली मारने के मामले में विभिन्न प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर फिर से बहस शुरू कर दी है।
वास्तविक घटनाओं से प्रेरित ‘अवनी की किस्मत’ महाराष्ट्र के एक जंगल के पास रहने वाले ग्रामीणों की कहानी है, जो लोगों की हत्या के लिए बाघिन अवनि को जिम्मेदार मानते हैं।
निर्देशक ने कहा, ‘मनुष्यों को यह समझना चाहिए कि वे जानवरों के इलाके में घुसपैठ नहीं कर सकते हैं। जानवर अपनी शिकायतें और समस्याएं नहीं बता सकते हैं। वे वन विभाग तक नहीं जा सकते और न ही यह कह सकते हैं कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। हमें एक महाशक्ति के रूप में सोचना बंद करना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘अगर हम एकजुट रहें, तो हम अपने मिशन में सफल होंगे और मानव-पशु संघर्ष को कम कर सकेंगे।’
निर्देशक ने कहा, ‘मैं खुश और गौरवान्वित हूं कि मेरी फिल्म को पुरस्कार मिला। मुझे इस परियोजना का समर्थन करने के लिए अपने निर्माताओं और हमारा समर्थन करने वाले अन्य लोगों को धन्यवाद देना चाहिए।’
भाषा साजन सुरेश
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