नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) मशहूर गायक सोनू निगम ने बेंगलुरु में हाल ही में आयोजित एक संगीत कार्यक्रम के दौरान कन्नड़ समुदाय के बारे में उनकी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के सिलसिले में सोमवार को कहा कि वह यह तय करने का जिम्मा कर्नाटक की समझदार जनता पर छोड़ते हैं कि मामले में गलती किसकी है।
निगम ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) ने कन्नड़ समुदाय के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने के आरोप में उनके खिलाफ ‘असहयोग’ अभियान शुरू करने की घोषणा की है।
बेंगलुरु के एक कॉलेज में 25 अप्रैल को आयोजित कार्यक्रम में एक श्रोता ने निगम से कन्नड़ भाषा में गाना गाने का अनुरोध किया था, जिस पर गायक ने कहा था,‘‘कन्नड़… कन्नड़…… पहलगाम में हुई घटना के पीछे यही वजह है।’’
इस टिप्पणी के बाद अवलाहल्ली थाने में तीन मई को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
गायक ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर एक बयान में कहा कि वह इस मामले में कर्नाटक के पुलिस अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे और फैसला चाहे जो भी हो, राज्य के लोगों से मिले प्यार को हमेशा संजोकर रखेंगे।
निगम ने कहा, ‘‘मैं यह तय करने का जिम्मा कर्नाटक के समझदार लोगों पर छोड़ता हूं कि मामले में गलती किसकी है। मैं आपके फैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करूंगा। मैं कर्नाटक की कानून प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस का पूरा सम्मान करता हूं और उन पर भरोसा करता हूं। मुझसे जो भी अपेक्षा की जाएगी, मैं उस पर खरा उतरूंगा।’’
निगम ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने उन्हें बहुत प्यार दिया है, लेकिन वह कोई ‘‘युवा लड़के’’ नहीं हैं कि कोई उनका अपमान करे और वह जवाब में कुछ न बोलें।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 51 साल का हूं और मुझे इस बात पर आपत्ति जताने का पूरा अधिकार है कि मेरे बेटे की उम्र के युवा ने हजारों लोगों के सामने मुझे भाषा के नाम पर धमकाया और वह भी कन्नड़ में, जबकि काम के मामले में यह मेरे लिए दूसरी भाषा है। संगीत कार्यक्रम में मेरे पहले गाने के ठीक बाद यह सब हुआ। उसने कुछ और लोगों को भी उकसाया। उसके अपने लोग शर्मिंदा थे और वे उससे चुप रहने के लिए कह रहे थे…।’’
निगम ने कहा, ‘‘मैंने उनसे बहुत विनम्रता से कहा था कि अभी कार्यक्रम शुरू ही हुआ है और यह मेरा पहला गाना है तथा मैं उन्हें निराश नहीं करूंगा, लेकिन इसके लिए उन्हें मुझे कार्यक्रम को उसी तरह से जारी रखने देना होगा, जैसा कि मैंने सोचा है। हर कलाकार गानों की एक सूची तैयार करके आता है, जिससे संगीतकार और तकनीशियन के बीच तालमेल न बिगड़े। लेकिन वे तो हंगामा मचाने और मुझे धमकाने पर आमादा थे। मुझे बताइए कि इसमें गलती किसकी है?’’
उन्होंने कहा कि एक देशभक्त होने के नाते वह ‘‘भाषा, जाति या धर्म’’ के नाम पर नफरत पैदा करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति से घृणा करते हैं, खासकर जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद।
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें कर्नाटक के दो लोग भी शामिल थे।
निगम ने कहा, ‘‘मुझे उन्हें सबक सिखाना था और मैंने यही किया। हजारों छात्रों और शिक्षकों ने इसके लिए मेरी सरहाना की। मामला शांत हुआ और मैंने कन्नड़ भाषा में एक घंटे से ज्यादा समय तक गाना गाया। यह सब सोशल मीडिया पर मौजूद है।’’
संगीत कार्यक्रम के दौरान कन्नड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद निगम शनिवार को इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक वीडियो में अपने कदम को जायज ठहराते हुए नजर आए।
वीडियो में निगम यह कहते हुए दिख रहे हैं कि उनके करियर के कुछ बेहतरीन गाने कन्नड़ भाषा में हैं और कर्नाटक ने हमेशा उनके साथ परिवार की तरह व्यवहार किया है, लेकिन कार्यक्रम में जिस तरह से उनसे कन्नड़ भाषा में गाना गाने की मांग की गई, उससे वह झुंझला गए।
भाषा प्रीति पारुल
पारुल
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