नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर अपनी मां सोनिया गांधी के प्रति सम्मान जताते हुए लिखा, ‘मुझे पता है, आपने यह सब प्यार के लिए किया.’
सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस की बागडोर पार्टी के नये अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी.
गत 24 वर्षों में गांधी परिवार से बाहर के पहले पार्टी अध्यक्ष बने खड़गे ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में राजीव गांधी की फ़्रेम की हुई एक तस्वीर सोनिया गांधी को भेंट की. लगभग 20 वर्षों तक पार्टी का नेतृत्व करने वाली सोनिया गांधी ने अपने पति की तस्वीर को हाथ में ऊपर उठाया जिस पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ तालियां बजायी.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर अपने भावनात्मक पोस्ट में अपने माता-पिता की एक तस्वीर डालकर लिखा, ‘आप पर गर्व है मां, दुनिया चाहे कुछ भी कहे या सोचे, मुझे पता है, आपने यह सब प्यार के लिए किया.’
सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, ‘मां, दादी ने एक बार मुझे कहा था कि उन्हें आप जैसी बेटी कभी नहीं मिल सकती थी. वह कितनी सही थी. आपका बेटा होने पर मुझे गर्व है.’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजीव गांधी और सोनिया गांधी की संयुक्त तस्वीर भी साझा की.
कार्यक्रम में कांग्रेस नेता अजय माकन ने सोनिया गांधी के प्रति कृतज्ञता जताने वाला एक बयान पढ़ा जिसमें, पार्टी ने कहा कि उन्होंने भारत को इसके विभिन्न रूपों और इसकी अथाह सामाजिक-सांस्कृतिक-भौगोलिक समग्रता में पहचाना और आत्मसात किया.
बयान में कहा गया, ‘वह अपनी राजनीतिक प्रेरणा इस महान देश के प्रति अपने गहरे प्रेम से लेती हैं. लोगों ने भी उन्हें वही प्यार और विश्वास लौटाया है.’
बयान में कहा गया, ‘अपने हस्तक्षेप से उन्होंने पार्टी की राजनीति को समय की जरूरत के हिसाब से प्रासंगिक और लचीला बनाया और जब भी जरूरत पड़ी, उन्होंने कठिन और दूरगामी फैसले लिये तथा भविष्य के लिए नींव रखी.’
सोनिया गांधी ने पार्टी का सबसे लंबे समय तक नेतृत्व किया। उन्होंने पार्टी का 1998-2017 तक अध्यक्ष के तौर पर और फिर 2019-22 तक अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर नेतृत्व किया.
राजीव गांधी ने 1968 में इटली की रहने वाली एंटोनिया माइनो से विवाह किया था जिन्होंने बाद में अपना नाम बदलकर सोनिया गांधी कर लिया और भारत को अपना घर बना लिया.
राजीव गांधी की 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदूर में हत्या कर दी गई थी. सोनिया गांधी पहले राजनीति से पूरी तरह दूर रहीं. उन्होंने 1997 में राजनीति में प्रवेश किया और अगले वर्ष पार्टी प्रमुख बनीं.
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