नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) भाजपा नेता शौर्य डोभाल ने कहा है कि उन्होंने कभी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई है, लेकिन अगर पार्टी उन्हें चुनाव मैदान में उतारने का फैसला करती है तो वह इसके लिए तैयार हैं।
बैंकर से राजनेता बने डोभाल ने कहा कि वह ‘सेवा के विचार’ के साथ 2009 में ब्रिटेन से भारत वापस आए और अपने संगठन ‘इंडिया फाउंडेशन’ की स्थापना की।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इसलिए चुनावी राजनीति में मौका नहीं मिला क्योंकि उनके पिता अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं, उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि ‘‘शायद यह मेरे पिता की वजह से हो सकता है, लेकिन जाहिर है कि मुझे टिकट नहीं मिला और इसीलिए मैंने चुनाव नहीं लड़ा है।’’
यहां समाचार एजेंसी के मुख्यालय में ‘पीटीआई’ संपादकों के साथ बातचीत में भाजपा की उत्तराखंड राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य डोभाल ने कहा कि उन्होंने कभी भी चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट नहीं मांगा।
चुनावी लड़ने से जुड़े एक सवाल पर शौर्य डोभाल ने कहा, ‘‘जब मैं इस क्षेत्र में आया था, तो मैं राजनीति के नजरिये से नहीं आया था। मैं 2009 में ‘इंडिया फाउंडेशन’ की स्थापना करने के लिए भारत वापस आया था। मुझे पार्टी द्वारा 2018-19 में उत्तराखंड जाने के लिए कहा गया था और अंततः यह पार्टी का निर्णय है…आप ये निर्णय नहीं ले सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर यही संस्कृति होती है कि आप अपने लिए काम करें, लेकिन भाजपा में यह संस्कृति दूसरी पार्टियों से कम है। उनके पास अपने विश्लेषण होते हैं कि कौन सा व्यक्ति किस काम के लिए बेहतर है, इसके कई कारण हो सकते हैं… हो सकता है कि मैं अच्छा राजनेता नहीं हूं, या हो सकता है कि वे सही समय का इंतजार कर रहे हों या हो सकता है कि मुझसे बेहतर लोग हों और मुझे दूसरे कामों के लिए रखा गया हो। मैंने कारण के बारे में कुछ नहीं पूछा है।’’
भाषा शफीक रंजन
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