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रविवार, 11 मई, 2025
होमदेशमैं सदन में पारित प्रस्ताव को रद्द नहीं कर सकता: अब्दुल रहीम राठेर

मैं सदन में पारित प्रस्ताव को रद्द नहीं कर सकता: अब्दुल रहीम राठेर

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(एम आई जहांगीर)

श्रीनगर, सात नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने सदन द्वारा पारित विशेष दर्जे से जुड़े प्रस्ताव को वापस लेने या पद छोड़ने संबंधी भाजपा की मांग को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया और कहा कि यदि पार्टी को उन पर भरोसा नहीं है तो उसे अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए।

उन्होंने विपक्षी पार्टी पर उसकी ‘‘घटिया नारेबाजी’’ को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वे (भाजपा विधायक) अध्यक्ष से प्रस्ताव वापस लेने के लिए कह रहे हैं। अध्यक्ष के पास अधिकार नहीं हैं। सदन द्वारा पारित किसी भी चीज को केवल सदन ही रद्द कर सकता है। अध्यक्ष ऐसा नहीं कर सकते। इन मुद्दों पर अध्यक्ष के पास सीमित शक्तियां हैं… उन्हें अपने सामने मौजूद तथ्यों के आधार पर अध्यक्षता करनी है और निर्णय देना है।’’

पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग वाला प्रस्ताव बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित किया गया था।

घाटी के राजनीतिक दलों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, जबकि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका विरोध किया तथा इसे वापस लेने की मांग की।

नरेन्द्र मोदी सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया था और भाजपा सदस्यों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने लगातार दो दिन तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी और मांग की कि अध्यक्ष या तो प्रस्ताव वापस लें या पद छोड़ दें।

उन्होंने कहा, ‘‘एक अध्यक्ष ऐसा कैसे कर सकता है? मेरी सलाह है कि वे विधानसभा के नियमों को पढ़ें और फिर सदन में बोलें।’’

अध्यक्ष ने कहा कि यदि भाजपा सदस्यों को सदन के अध्यक्ष के रूप में उन पर विश्वास नहीं है तो उन्हें हटाने के लिए विपक्षी सदस्यों को उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई चिंता नहीं है, लेकिन यदि उन्हें अध्यक्ष पर भरोसा नहीं है तो नारे लगाना कोई तरीका नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव की एक प्रक्रिया होती है।’’

राठेर ने कहा, ‘‘उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। यदि सदन इसे पारित कर देता है तो मैं खुद ही वापस चला जाऊंगा, चाहे कोई सदस्य मुझे कहे या नहीं। हालांकि वे (भाजपा सदस्य) ऐसा भी नहीं करेंगे और केवल नारे लगाते रहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की नारेबाजी नहीं की जानी चाहिए। वे केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी से हैं। उन्हें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए और दूसरों की तुलना में उन्हें बेहतर व्यवहार करना चाहिए। उनका व्यवहार सही नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि एक विधायक को सदन के बाहर लोगों के लिए उदाहरण पेश करना होता है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि वह ऐसा करेंगे तो अध्यक्ष क्या करेंगे? इसलिए मैंने आज निर्देश दिए थे कि अगर कोई सदन में आसन के निकट आता है तो उन्हें रोका जाना चाहिए। वहां उनका क्या काम है? कोई भी बोलना चाहता है तो उन्हें अपनी सीट से बोलना चाहिए। वे आसन के निकट कैसे आ सकते हैं।’’

पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायकों के एक समूह द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें अभी तक यह प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मुझे नहीं मिला है। हालांकि प्रस्ताव पेश करने की एक उचित प्रक्रिया है। इसे विधानसभा सचिवालय को पेश किया जाना चाहिए और सचिव इसकी जांच करेंगे और इसे अध्यक्ष के आदेश के लिए आगे बढ़ाएंगे। यदि इसे स्वीकार किया जाता है तो अध्यक्ष को सरकार को सूचित करना होगा ताकि वे तैयार होकर आ सकें।’’

राठेर ने कहा कि मौजूदा विधानसभा में 51 पहली बार विधायक बने हैं और उन्होंने बजट सत्र से पहले उनके लिए एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता था कि सदन में आचरण के बारे में उनके लिए एक प्रशिक्षण सत्र हो लेकिन चुनाव और सत्र के बीच समय की कमी के कारण हम ऐसा नहीं कर सके। अब हम जम्मू में बजट सत्र से पहले यह प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगे। किसी भी मामले में विधायकों को नियमों के बारे में अवश्य जानना चाहिए।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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