पालघर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह सिंधुदुर्ग में शिवाजी की मूर्ति गिरने से आहत महाराष्ट्र के लोगों से सिर झुकाकर माफी मांगते हैं.
महाराष्ट्र के पालघर जिले के मालवन में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने घटना के लिए माफी मांगते हुए विपक्ष की आलोचना भी की.
पीएम मोदी ने कहा, “जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना देवता मानते हैं और उन्हें इससे गहरा दुख पहुंचा है, मैं उनसे सिर झुकाकर माफी मांगता हूं. हमारे मूल्य अलग-अलग हैं. हमारे लिए हमारे देवता से बड़ा कुछ नहीं है.” राज्य के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी.
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर “भूमिपुत्र” वीर सावरकर का अपमान करने और उन्हें गाली देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके “मूल्य” अलग हैं.
आगे उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं. आज मैं अपना सिर झुकाता हूं और अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं. हमारे मूल्य अलग हैं, हम वे लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते और अपमानित करते रहें. वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाने और लड़ने के लिए तैयार हैं.”
इससे पहले पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में वधावन बंदरगाह की आधारशिला रखी. इस परियोजना की कुल लागत करीब 76,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान करीब 1,560 करोड़ रुपये की लागत वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया.
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पुनर्निर्माण के लिए युद्धस्तर पर फैसले ले रही है और राज्य के मालवन इलाके में प्रतिमा के ढहने की जांच के लिए दो समितियों का गठन किया गया है.
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