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नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को कहा कि उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया है और किसी भी राक्षसी ताकत से नहीं डरतीं।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए गुप्ता ने अपने छात्र जीवन को याद किया और बताया कि किस तरह से इन अनुभवों ने उनकी राजनीतिक यात्रा को आकार दिया।
निजी किस्से साझा करते हुए, गुप्ता ने कहा कि कॉलेज के दिन उनके जीवन के ‘सुनहरे अध्याय’ हैं। उन्होंने श्रोताओं से कहा, ‘जब भी मैं विश्वविद्यालय परिसर में लौटती हूं, उम्र और पद का अंतर मिट जाता है, और मेरे छात्र जीवन के दिन एक बार फिर जीवंत हो उठते हैं।’
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैसे 1993 में एसआरसीसी में संस्थान के उच्च ‘कट-ऑफ’ अंकों के कारण उन्हें प्रवेश नहीं मिल पाया था। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘शायद मुझे यहां आने के लिए मुख्यमंत्री बनना पड़ा।’
अपने छात्र जीवन के दिनों को याद करते हुए, गुप्ता ने कैंटीन की बातचीत, कक्षा में हंसी-मज़ाक, देर रात तक परीक्षा की तैयारियों और कमला नगर में दोस्तों के साथ लंबी सैर के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘ये ऐसी यादें हैं जिन्हें मैं आज भी संजोकर रखती हूं और जो मुझे प्रेरित करती रहती हैं।’
गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक कठिन दौर को भी याद किया, जब एक प्रदर्शन के दौरान हुई दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोटें आई थीं।
उन्होंने कहा, ‘मैंने लगभग डेढ़ महीने तक दर्द और चुनौतियों का सामना किया। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मुझे तूफ़ानों से जूझने की आदत है…मैं किसी भी राक्षसी ताकत से डरने वाली नहीं हूं।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘विद्यार्थी जीवन में सीखे गए सबक आपको नेतृत्व करने, संवेदनशील बने रहने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का साहस देते हैं।’
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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