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Sunday, 10 August, 2025
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निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहा हूं, अदालत से शर्त हटाने का अनुरोध: सांसद राशिद

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नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने के आरोपों से जुड़े एक मामले में मुकदमे का सामना कर रहे लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बुधवार को बताया कि संसद सत्र में शामिल होने के लिए प्रतिदिन का खर्च जमा कराने की शर्त के कारण वह अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे हैं।

राशिद ने न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति अनुप जयराम भंभानी की पीठ से एक समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेश में संशोधन का अनुरोध किया।

इस आदेश में कहा गया था कि संसद सत्र में भाग लेने के लिए उन्हें (राशिद को) जेल प्रशासन के पास चार लाख रुपये यात्रा खर्च के तौर पर जमा कराने होंगे।

सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि अभिरक्षा पैरोल सामान्यतया याचिकाकर्ता के खर्च पर ही दी जाती है।

इस पर राशिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने दलील दी कि यह शर्त अव्यावहारिक है, क्योंकि ‘‘वह (राशिद) एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और केवल इस (पैसे जमा कराने की) शर्त के कारण अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे हैं’’।

हरिहरन ने दलील दी, ‘‘अगर शर्त ऐसी है कि वह संसद नहीं जा सकते, तो हम देश में लोकतंत्र की मूल भावना में हस्तक्षेप कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘ये शर्तें इसलिए लगाई गई हैं ताकि किसी तरह उनके (राशिद के) निर्वाचन क्षेत्र की आवाज संसद में न पहुंच सके।’

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह आदेश की समीक्षा नहीं, बल्कि उसमें लगाई गई शर्तों में संशोधन की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आदेश में कहा गया है कि उन्हें शर्तों के अधीन हिरासत में ले लाया जाए। मैं कह रहा हूं कि ये शर्तें त्रुटिपूर्ण हैं, जो खुद ही आदेश को निष्प्रभावी बना रही हैं।’’

न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को तय की है।

बारामूला से सांसद राशिद ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराया था। वह जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने के आरोपों से जुड़े एक मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उन्हें 2019 में गिरफ्तार किया था और तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछले वर्ष सितंबर में उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी।

एनआईए की प्राथमिकी के अनुसार, कारोबारी और सह-आरोपी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान राशिद का नाम सामने आया था।

भाषा

राखी सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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