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Monday, 4 November, 2024
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क्या होता है अनुष्ठान? राम मंदिर उद्घाटन से पहले, PM मोदी क्यों बोले ‘अलग भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं’

पीएम ने राम-राम के साथ अपना संबोधन शुरू कर, 11 दिन के अनुष्ठान की जानकारी दी. पंडित जयगोविंद शास्त्री बताते हैं कि अनुष्ठान हमेशा किसी उद्देश्य के लिए ही किए जाते हैं, इसके कुछ खास नियम भी होते है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक ऑडियो जारी कर घोषणा की कि वो 22 जनवरी, राम मंदिर के उद्घाटन तक अनुष्ठान पर रहेंगे. उन्होंने राम मंदिर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठाा के लिए खास अनुष्ठान शुरू किया है, जिसके तहत वे 11 दिन तक व्रत पर रहेंगे.

इस अनुष्ठान के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री ने नासिक में पंचवटी का भी दौरा करेंगे, जहां महाकाव्य रामायण के अनुसार, भगवान राम ने अयोध्या से अपने निर्वासन का अधिकांश समय बिताया था.

क्या होता है अनुष्ठान

पीएम मोदी ने आज ऑडियो जारी कर कहा कि वह भावुक हैं. मैं तो निमित मात्र हूं. मुझे जो मार्गदर्शन मिला है उसके लिए मैं अनुष्ठान कर रहा हूं और उन्होंने देशवासियों से कहा की आप मुझे आशीर्वाद दीजिए की इसमें कोई कमी न रहे.

पीएम मोदी ने अपने ऑडियो की जानकारी देते हुए देशवासियों को राम-राम के साथ संबोधित किया वहीं उन्होंने इसका अंत जय सियाराम से किया.

पीएम के इस अनुष्ठान पर पंडित जयगोविंद शास्त्री ने दिप्रिंट को बताया, “अनुष्ठान हमेशा किसी उद्देश्य के लिए ही किए जाते हैं, और अनुष्ठान के कुछ खास नियम भी होते है जैसे, व्रत करना, केवल फल का सेवन करना, मंत्रों का जाप करना, हवन और पूरे मन से समर्पित होकर जब पूजा-पाठ किया जाता है तो उसे अनुष्ठान कहा जाता है.”

बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक ऑडियो जारी कर कहा, “जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही यथार्थ में बदलते हैं. आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनियाभर में फैले रामभक्तों के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है. चारों दिशाओं में राम-नाम की धुन है. हर किसी को 22 जनवरी का, उस ऐतिहासिक पवित्र पल का इंतजार है.”

दिप्रिंट से बात करते हुए शास्त्री ने बताया, अनुष्ठान के दौरान एक तरह से हर चीज़ पर संयम रखना बहुत जरुरी है, इस दौरान वह व्यक्ति नमक से लेकर अपने सोने की चारपाई तक का त्याग करता है.

उन्होंने बताया, “अनुष्ठान एक तरह का संकल्प होता है जो कुछ खास दिनों के लिए किया जाता है और पीएम मोदी 11 दिनों का अनुष्ठान करेंगे.”

प्रधानमंत्री ने अपने ऑडियो में कहा, “कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला, उन्होंने जो यम-नियम सुझाए, उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं.”

बता दें कि पीएम मोदी हर साल नवरात्री ने दौरान 9 दिनों का व्रत करते हैं और इस दौरान वे केवल फलों का सेवन करते हैं. 2014 में नवरात्री के दौरान जब पीएम मोदी अमेरिका में थे और व्हाइट हाउस में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भोज दिया गया तो पीएम मोदी ने सम्मान के तौर पर केवल जल ग्रहण किया था.

पीएम मोदी नौ दिनों के उपवास के दौरान दिन में केवल एक बार फल खाते हैं, विजयादशमी के दौरान मोदी शस्त्रपूजन में भी हिस्सा लेते रहे हैं.

‘मैं भावुक हूं’

प्रधानमंत्री ने कहा, “अयोध्या में रामलला की पवित्र प्राण प्रतिष्ठा में सिर्फ 11 दिन बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है. ये मेरे लिए कल्पनातीत अनुभूतियों का समय है. मैं भावुक हूं, भाव-विह्वल हूं. मैं जीवन में पहली बार इस तरह के मनोभावों से गुजर रहा हूं. मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं.”

अपने 11 दिन के अनुष्ठान के दौरान पीएम नासिक में पंचवटी का भी दौरा करेंगे. जयगोविंद शास्त्री बताते हैं कि सनातन धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों में एक नासिक का स्थान है जहां शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान की मूर्ति हैं.

पीएम ने कहा, “मेरा ये सौभाग्य है कि अपने अनुष्ठान का आरंभ मैं नासिक धाम पंचवटी से कर रहा हूं. पंचवटी वो पावनधरा है, जहां प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था. आज मेरे लिए सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है. ये स्वामी विवेकानंद जी ही तो थे, जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था. आज वही आत्मविश्वास भव्य राम मंदिर के रूप में हमारी पहचान बनकर सबके सामने है.”

रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी का विशेष स्थान है क्योंकि रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाएं यहीं घटी थीं. अपने वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने पंचवटी क्षेत्र में स्थित दंडकारण्य वन में कुछ वर्ष बिताए थे. माना जाता है कि भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया स्थापित की थी.


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