नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र से कहा कि वह हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के सरकार के फैसले की सीबीआई जांच दर्ज किए जाने से संबंधित शीर्ष अदालत के कुछ निर्देशों को वापस लेने की याचिका वापस लेने पर विचार करे। यह मामला वर्ष 2002 का है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा कुछ समय बाद मामले की सुनवाई पर जोर दिए जाने के बाद न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने अपने रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ केंद्र की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की।
शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार (न्यायिक) चिराग भानु सिंह ने 12 जनवरी को अपने आदेश में कहा था कि पिछले साल 18 नवंबर को अदालत द्वारा जारी निर्देशों को वापस लेने/बदलने की मांग करने वाले आवेदन में किसी भी उचित कारण का खुलासा नहीं किया गया है और इसे उच्चतम न्यायालय नियम, 2013 के प्रावधानों के तहत पंजीकरण के लिए प्राप्त नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा, ‘चूंकि सॉलिसिटर जनरल मामले पर बहस करने के लिए कुछ समय मांग रहे हैं। हम कुछ समय देंगे। लेकिन इस बीच सरकार इस आवेदन को वापस लेने पर विचार कर सकती है। इस मुद्दे पर निर्णयों की एक सुसंगत पंक्ति है कि समीक्षा दायर करने की आवश्यकता है।’
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नेत्रपाल माधव
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