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गुरूवार, 22 मई, 2025
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हैदराबाद विश्वविद्यालय विवाद : छात्रों ने तेलंगाना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया

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हैदराबाद, एक अप्रैल (भाषा) हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने संस्थान से सटी 400 एकड़ जमीन पर विकास कार्य करने की तेलंगाना सरकार की योजना के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी छात्र विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एकत्र हुए और राज्य की मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी नीत कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (यूओएचएसयू) और उससे संबद्ध अन्य संघों के अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी विश्वविद्यालय परिसर में अलग-अलग विरोध-प्रदर्शन किया।

यूओएचएसयू के उपाध्यक्ष आकाश ने मांग की कि पुलिस और “जंगल में पेड़ों को गिरा रही” 50 से अधिक जेसीबी मशीनों को विश्वविद्यालय परिसर से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।

यूओएचएसयू ने विश्वविद्यालय परिसर से पुलिसकर्मियों और जेसीबी मशीनों को हटाने की मांग करते हुए मंगलवार से अनिश्चितकालीन विरोध-प्रदर्शन और कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया।

आकाश ने बताया कि छात्रों और शिक्षकों से परिसर में विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने और कक्षाओं का बहिष्कार करने का आग्रह किया गया है।

यूओएचएसयू और उससे जुड़े अन्य छात्र संघों ने एक संयुक्त बयान में विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने कांचा गचीबोवली में संस्थान से सटी 400 एकड़ जमीन पर राज्य सरकार की परियोजनाओं के लिए भूमि समाशोधन गतिविधियों की अनुमति देकर छात्रों के साथ “विश्वासघात” किया है।

बयान में शांतिपूर्ण ढंग से विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर “पुलिस की बर्बर कार्रवाई” की भी निंदा की गई है।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस संबंध में लिखित आश्वासन देने की मांग की कि भूमि को औपचारिक रूप से विश्वविद्यालय के तहत पंजीकृत किया जाएगा।

उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से इस मुद्दे पर आयोजित कार्यकारी समिति की बैठक के प्रमुख निष्कर्षों को सार्वजनिक करने और भूमि से संबंधित दस्तावेजों में अधिक पारदर्शिता बरतने की भी मांग की।

हैदराबाद विश्वविद्यालय में एबीवीपी के अध्यक्ष अनिल ने कहा कि यह 400 एकड़ जमीन विविध वनस्पतियों और जीवों का आशियाना है, जिनमें मोर, हिरण, 230 नस्ल के पक्षी और लुप्तप्राय प्रजातियां भी शामिल हैं।

अनिल ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा कि एबीवीपी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और कांग्रेस सरकार को सबक सिखाने के लिए लड़ाई जारी रखेगी।

विश्वविद्यालय से संचार में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे अभिषेक कुमार ने कहा कि सवाल सिर्फ जमीन ही नहीं, बल्कि इसकी जैव विविधता का भी है। उसने कहा कि स‍ंबंधित जमीन पर पेड़-पौधे गिराने के काम में 50 से अधिक जेसीबी मशीन लगाई गई हैं, जिससे वहां रहने वाले जानवर परेशान हैं।

अभिषेक ने कहा कि सरकार को जैव विविधता की भलाई की खातिर इस भूमि पर विकास कार्य करने की योजना त्याग देनी चाहिए।

इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार और तेलंगाना के अन्य भाजपा सांसदों ने दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।

केंद्रीय मंत्री के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने प्रधान से संबंधित भूमि और जैव विविधता की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अनुरोध किया।

भाजपा नेताओं ने बताया कि पायल शंकर और अन्य पार्टी विधायक मंगलवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय का दौरा करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें यहां उनके आवास में नजरबंद कर दिया। हालांकि, उन्होंने बताया कि बाद में इन विधायकों को रिहा कर दिया गया।

भाजपा विधायक ए महेश्वर रेड्डी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस ने उन्हें उनके आवास से बाहर नहीं निकलने दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने के संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया था।

तेलंगाना सरकार विवादित जमीन पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रतिष्ठान और अन्य परियोजनाएं विकसित करना चाहती है। सरकार ने सोमवार को दावा किया कि यह जमीन उसकी है, विश्वविद्यालय की नहीं, जिसके बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों का विरोध-प्रदर्शन और उग्र हो गया।

हालांकि, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने सरकार के इस दावे का खंडन किया कि संबंधित भूमि की सीमा को अंतिम रूप दे दिया गया है।

भाषा पारुल नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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