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Saturday, 4 May, 2024
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‘सीएए से आज़ादी’ का नारा लगाते सड़क पर उतरे कई राज्यों के लोग, भड़का यूपी और बिहार, सैकड़ों को लिया गया हिरासत में

बेंगलुरू में इतिहासकार रामचन्द्र गुहा और दिल्ली में योगेंद्र यादव समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया.

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नयी दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में व्यापक प्रदर्शन हुए, जबकि इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार में हिंसा तथा आगजनी देखने को मिली. राष्ट्रीय राजधानी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर लगी रोक के बावजूद गुरुवार को सड़कों पर उतरने के चलते सैकड़ों छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.बता दें कि दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 भी लगाई गई थी.

पुलिस ने बताया कि आज राजधानी दिल्ली में अलग अलग जगहों पर प्रदर्शन कर रहे करीब 1200 लोग गिरफ्तार किए गए. जिनमें से करीब 350 को सूरजमल स्टेडियम नांगलोई और राजीव गांधी स्टेडियम बवाना ले जाया गया. जबकि कुछ को पुलिस स्टेशन ले जाया गया जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया.

कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया, जिससे शहर में यातायात प्रभावित हुआ. हालांकि देर शाम तक मेट्रो स्टेशनों को खोल दिया गया.

गिरफ्तार की गई राजनीतिक हस्तियां 

विपक्षी नेताओं डी राजा, सीताराम येचुरी, नीलोत्पल बसु, वृंदा करात, अजय माकन, संदीप दीक्षित के साथ ही योगेंद्र यादव और उमर खालिद को पुलिस ने हिरासत में लिया. उन्हें लाल किला और मंडी हाउस के पास से हिरासत में लिया गया, जहां प्रदर्शन करने की योजना बनाई गई थी. बाद में इन नेताओं को शहर के विभिन्न इलाकों में छोड़ दिया गया.

दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू होने की वजह से दिल्ली पुलिस ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए लाल किला पहुंच रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और आसपास बैरिकेड लगा दिए ताकि लोग वहां तक नहीं पहुंच सकें.

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नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोग | सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट

प्रदर्शनकारियों ने ‘सीएए से आज़ादी’, और ‘एनआरसी से आज़ादी’ के भी नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों में पुरानी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली के स्थानीय लोग तथा छात्र शामिल थे. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है.

इसके बाद प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर की ओर बढ़ने लगे और इसे देखते हुए प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और अवरोधकों को लगाया गया.

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान लोगों ने गांधीगिरी का सहारा लिया और सुरक्षाकर्मियों को गुलाब का फूल दिया और कहा कि पुलिस जितना चाहें उन्हें लाठी मार सकती है, लेकिन उनका संदेश “घृणा के बदले में प्यार” है.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने छात्रों और कार्यकर्ताओं से शांति बरतने की अपील की है. पुलिस ने किसी भी हालात से निपटने के लिए जंतर मंतर पर वाटर कैनन भी तैनात कर दिये हैं.

दिल्ली में कम से कम 20 मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिये गये थे, हालांकि शाम को मेट्रो स्टेशन खोल दिए गए.

उड़ाने भी रहीं प्रभावित

विरोध प्रदर्शनों की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर यातायात जाम में चालक दल के सदस्यों के फंसे होने के कारण इंडिगो ने 19 उड़ानें रद्द कर दी हैं, जबकि 16 अन्य उड़ानें विलंबित हुईं.

दिल्ली हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

विस्तारा, एयर इंडिया और इंडिगो ने घोषणा की कि जो लोग संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जाम फंसे हुए हैं, उन्हें अन्य उड़ानों में समायोजित किया जाएगा.

विरोध प्रदर्शनों के बीच पुलिस के निर्देश पर दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में कुछ घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट, वायस और संदेश सेवाओं को निलंबित कर दिया गया.

ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संबंध और शैक्षिक अवसरों वाले संगठन ‘ब्रिटिश काउंसिल’ ने कहा कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में नए नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के कारण काउंसिल बृहस्पतिवार को बंद रहेगी.

शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील हुई फेल

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने गुरुवार को लोगों से अपील की कि वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएएए) के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें. उन्होंने कहा कि हिंसा से समूचा आंदोलन बदनाम होगा और सरकार के लिए उद्देश्य का दमन करना आसान होगा.

फोटो/ सूरज सिंह बिष्ट

इस बीच केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल धर्म के नाम पर छात्रों, महिलाओं और अन्य को उकसा कर संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को भड़का रहे हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली और लखनऊ के कुछ स्थानों को छोड़कर देश में स्थिति सामान्य है.

नये नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसा भड़क उठी. उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया.

असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. शहर के अन्य कई हिस्सों में तनाव व्याप्त है. विशेषकर पुराने लखनऊ के मुस्लिम बहुल इलाकों में तनाव है.

कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. हसनगंज क्षेत्र में पथराव कर रही भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, इन्हीं उपद्रवियों से इसकी वसूली की जाएगी. इनकी संपत्ति को नीलाम करके वसूली की जाएगी.’

विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विधान भवन परिसर में प्रदर्शन किया. सपा विधायक सुबह ही विधान भवन में एकत्र हो गये हालांकि इस दौरान सुरक्षा के कडे़ इंतजाम थे.

सपा विधायकों ने सीएए के खिलाफ नारेबाजी की. उसी समय कांग्रेस विधायकों ने भी प्रदर्शन किया. चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट सपा के नेता एकत्र हुए और वहां नारेबाजी की. कांग्रेस विधायक भी निकट की सीढ़ियों पर प्रदर्शन कर रहे थे.

संभल के जिलाधिकारी अविनाश के सिंह ने कहा, ‘जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं. यहां भीड़ ने एक बस को आग लगा दी जबकि एक अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया.’

उन्होंने बताया, ‘एक थाने पर भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया. इंटरनेट सेवाएं एहतियात के तौर पर बंद की गयी हैं.’

मऊ में भीड़ ने पथराव किया, जिसके बाद आरएएफ और पीएसी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. यहां भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं.

दिल्ली में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को केले बांटे, ये थी पुलिस की गांधीगिरी/फोटो/सोशल मीडिया

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई शिक्षकों ने मौन जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.

बिहार में ट्रेनें रोकी

बिहार की राजधानी पटना में वामपंथी छात्र संगठनों एआईएसएफ और आईसा से जुड़े कार्यकर्ता राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर बैठ गए जिससे सुबह करीब आधा घंटा तक ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही.

जन अधिकार पार्टी (जैप) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन से सटी सड़क पर टायर जलाकर उनमें से कुछ को पटरियों पर फेंक दिया और वाहनों तथा बसों को नुकसान पहुंचाया.

जैप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ बंद के दौरान प्रतीकात्मक तौर पर अपने-अपने हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहने पटना के डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन किया.

जहानाबाद जिले में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने काको मोड़ पर सड़क पर प्रदर्शन किया जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 110 और 83 पर यातायात बाधित हुआ.

भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड मुख्यालय के समीप भी प्रदर्शन किया जिससे आस-पास तथा पड़ोसी समस्तीपुर जिले में वाहनों का आवागमन बाधित हुआ.

बेंगलुरू में इतिहासकार रामचन्द्र गुहा समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में लिया. राज्य के हुबली, कलबुर्गी, हासन, मैसूरु और बेल्लारी सहित राज्य के तमाम हिस्सों में प्रदर्शन हुए. पुलिस ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में इन लोगों को गिरफ्तार किया.

अपनी हिरासत पर गुहा ने कहा कि यह ‘बिल्कुल अलोकतांत्रिक है’ कि पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से भी प्रदर्शन नहीं करने दे रही है, जबकि यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है.


यह भी पढ़ें: नागरिकता कानून के विरोध में जलता रहा लखनऊ, योगी बोले- उपद्रवियों को चिन्हित कर वसूलेंगे हर्जाना


बायोकॉन की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने पुलिस की कार्रवाई पर आश्चर्य जताया है.

इसबीच राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं अल्पसंख्यक मुसलमान भाइयों से अनुरोध करता हूं कि इस कानून का आपके ऊपर कोई कुप्रभाव नहीं होगा, आपके हितों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. कृपया सहयोग करें, शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखें.’

वहीं चेन्नई में अभिनेता एवं मक्कल नीधि मैयम प्रमुख कमल हासन ने गुहा और स्वराज अभियान के प्रमुख योगेन्द्र यादव को हिरासत में लिए जाने की कटु आलोचना की.

द्रमुक नेता स्टालिन ने इतिहासकार रामचंद्र गुहा और स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निन्दा की है.

दिल्ली में वरिष्ठ वाम नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में राजभवन तक मार्च निकाला. पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान राज भवन में नहीं थे.

मुंबई में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसी तरह के विरोध प्रदर्शन पुणे और नागपुर में किए गए.

अगस्त क्रांति मैदान में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसी नारेबाजी की. प्रदर्शन में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) तथा अन्य पार्टियां शामिल हुईं, हालांकि आयोजन स्थल पर शिवसेना कार्यकर्ता नहीं दिखे.

कोलकाता में रैली में विभिन्न क्षेंत्रों की नामचीन हस्तियों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.

बैनर और तिरंगा थामे विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र रैली में शामिल होने के लिये शहर के मध्य में स्थित रामलीला मैदान में एकत्रित हुए.

फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन, अभिनेताओं कौशिक सेन और रिद्धी सेन ने भी विरोध मार्च में हिस्सा लिया और नागरिकता (संशोधन) कानून तथा राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ नारेबाजी की.

अपर्णा सेन ने कहा, ‘हम एकजुट हैं. भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और बहुलवाद को तोड़ने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होगी. हम खामोश नहीं रह सकते.’

उन्होंने बेंगलुरु में नये नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे इतिहासकार रामचन्द्र गुहा और अन्य लोगों को हिरासत में लिये जाने की निंदा की.

अभिनेता और रंगमंच की हस्ती कौशिक सेन ने कहा, ‘देखिये, इस रैली में किसी राजनीतिक दल का कोई झंडा नहीं है. यह जनता का विरोध मार्च है.’

फोटो/ सूरज सिंह बिष्ट

इसबीच पश्चिम बंगाल सरकार ने हावड़ा जिले के अलावा दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर और कैनिंग उपसंभाग में बृहस्पतिवार को इंटरनेट सेवा बहाल करने को मंजूरी दे दी.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को लोगों से नए नागरिकता कानून का विरोध बंद करने का अनुरोध किया क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

अहमदाबाद में एक अल्पसंख्यक मानवाधिकार समूह ने बंद का आह्वान किया, हालांकि इस बंद से रोजमर्रा के जीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ा.

पुलिस उपायुक्त विजय पटेल ने बताया कि नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कम से कम 12 सदस्यों को एक कॉलेज के बाहर से हिरासत में लिया गया है. ये सभी नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. अहमदाबाद के सरदार बाग इलाके में जुटे कुछ लोगों पर पुलिस ने बृहस्पतिवार को लाठीचार्ज किया.

हैदराबाद में विरोध में प्रदर्शन की योजना बना रहे छात्रों समेत अन्य प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को शहर के विभिन्न हिस्सों से एहतियाती हिरासत में लिया. हिरासत में लिए गए लोगों में से 50 हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र हैं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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